पाटलिपुत्र की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन, छात्रों ने की आरोपियों को फांसी पर लटकाने की मांग
By भाषा | Published: December 14, 2019 08:12 AM2019-12-14T08:12:30+5:302019-12-14T08:12:30+5:30
पीड़िता के बारे में कहा जा रहा है कि वह पटना विश्वविद्यालय की छात्रा है कयोंकि परिसर में यह समाचार जंगल में आग की तरह फैल गया और सैकड़ों युवक युवतियां सड़कों पर आ गए।
बिहार की राजधानी पटना में इस हफ्ते के शुरू में 20 साल की एक युवती के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में आज सड़क पर उतरे सैकड़ों लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें छोड़ीं। प्रदशर्नकारियों में अधिकतर पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे। पीड़ता ने आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले उसके साथ बलात्कार करने वाले सभी चारों आरोपी उसके परिचित हैं ।
युवती का आरोप है कि दोबारा बलात्कार करने से कुछ महीने पहले भी आरोपियों ने उसका यौन शोषण किया था । महिला थाने की प्रभारी आरती कुमारी जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लड़की पाटलिपुत्र पुलिस थाना क्षेत्र में रहती है । प्राथमिकी में उसने आरोप लगाया है कि चार लड़कों ने शहर के गांधी पथ इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट के आउटहाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया । चारों पूर्व में उसके साथ ही पढ़ते थे ।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘उसने (लड़की) बताया कि अक्टूबर में लड़कों ने उसे मजबूर किया और इस कृत्य की फिल्म बनायी तथा वे लोग यौन इच्छा के लिए उसे ब्लैकमेल करते थे । उन्होंने कहा, ‘‘नौ दिसंबर की रात जब एक बार फिर उसके (लड़की) साथ बलात्कार हुआ तो उसने पुलिस में जाने का निर्णय किया ।’’ थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता ने चारों आरोपियों के नाम, पता और मोबाइल नंबर पुलिस को दे दिये । आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनका फोन बंद है ।
जायसवाल ने कहा, ‘‘आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इस बीच पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है और इस बारे में हम रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तार से कहने में सक्षम होंगे ।’’ पीड़िता के बारे में कहा जा रहा है कि वह पटना विश्वविद्यालय की छात्रा है कयोंकि परिसर में यह समाचार जंगल में आग की तरह फैल गया और सैकड़ों युवक युवतियां सड़कों पर आ गए। उन्होंने शहर के करगिल चौक पर धरना दिया तथा आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की । पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष मनीष कुमार यादव ने कहा, ‘‘इस कुकृत्य को अंजाम देने वाले भी विश्वविद्यालय के छात्र हैं और तत्काल प्रभाव से उन्हें निष्कासित करना हमारी मांग है । विवि प्रशासन की उदासीनता से हम चिंतित हैं ।’’
यादव ने कहा, ‘‘लड़की जिस कालेज में पढ़ती है, उसके प्राचार्य ने कहा है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है ।’’ घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी छात्राएं ‘‘हम न्याय चाहते हैं’’ तथा ‘‘आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए’’ जैसी नारेबाजी कर रही थीं ।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की। छात्रों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और उनमें से कुछ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया । छात्रों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया। प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज एवं पानी की बौछार छोड़े जाने के बाद यातायात सामान्य हो सका ।
मौके पर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि दोबारा ऐसे हालात पैदा नहीं हों । इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपियों में से दो -मनीष और विपुल- ने खुद को निर्दोष बताते हुए अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है और जांच में पूरा सहयेाग करने का वादा किया है।