बिहार: शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी करता था पुलिस इंस्पेक्टर, सस्पेंड
By एस पी सिन्हा | Published: January 14, 2019 06:26 PM2019-01-14T18:26:52+5:302019-01-14T18:26:52+5:30
उल्लेखनीय है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से यह पहला मौका है, जब मधनिषेध की टीम ने थाने में छापेमारी की है.
बिहार में लागू शराबबंदी कानून के बीच सरकार के मुलाजिम ही इस कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है जहां मोतीपुर थाने के थानेदार इंस्पेक्टर अमिताभ के खिलाफ यह कार्रवाई करते हुए उसके घर और थाने से शराब बरामद किया गया है. मद्यनिषेध विभाग पटना की टीम ने छापामारी की है.
बताया जाता है कि थानाध्यक्ष कुमार अमिताभ शराब माफिया को शराब बेचा करता था. हालांकि, छापेमारी के दौरान थानाध्यक्ष मौके से फरार हो गया. मोतीपुर थाने में रखे हुए जब्त शराब को थानाध्यक्ष कुमार अमिताभ अपने सरकारी आवास से बेचा करता था. उसका शराब माफिया से साठगाठ है. इसकी सूचना मधनिषेध विभाग को मिली थी.
जिसके बाद 11 सदस्यीय टीम ने जांच पडताल की. उसके बाद रविवार की देर रात को थाने और थानाध्यक्ष के सरकारी आवास पर छापेमारी की. कार्रवाई शुरू होते ही थानेदार इंस्पेक्टर थाना छोडकर फरार हो गया. एसएसपी मनोज कुमार ने इस मामले में अमिताभ को निलंबित कर दिया है. थानेदार सरकारी मोबाइल लेकर फरार है. छापेमारी में जिले के एसएसपी, डीएसपी वेस्ट, एसडीओ वेस्ट समेत कई थानों की पुलिस शामिल थे.
बीती रात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में थानेदार के सरकारी आवास का ताला तोडा गया, जिसमें से भारी मात्रा में शराब और नगद बरामद किया गया उसके बाद थाने के सभी पुलिस वालों को कब्जे में लेकर मालखाना भी खंगाला गया. पिछले कई सालों में थाने में जब्त शराब का मिलान मालखाने में मौजूद शराब से किया जा रहा है. अमिताभ ने मोतीपुर में थानेदारे के काफी कम समय में हीं अपना नेक्सस तैयार कर लिया था. एसएसपी मनोज कुमार ने कहा है कि छापामारी पूरी हो जाने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी. इससे पहले बिहार के ही गोपालगंज में एक पुलिस अधिकारी को शराब की डील करते पकडा गया था.
उल्लेखनीय है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से यह पहला मौका है, जब मधनिषेध की टीम ने थाने में छापेमारी की है. शराबबंदी के बाद से राज्य में शराब तस्करी के मामले रोज सामने आते रहे हैं. इसको लेकर पुलिस-प्रशासन की मिली भगत के भी आरोप लगते रहे है. लेकिन, थानाध्यक्ष द्वारा ही जब्त शराब की तस्करी का यह मामला कई सवाल खडा करता है.