बिहार पुलिस ने किया खुलासा, हमले के लिए जुटाई गई थी भीड़, पश्चिम बंगाल में पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या
By एस पी सिन्हा | Published: April 12, 2021 05:44 PM2021-04-12T17:44:40+5:302021-04-12T19:59:14+5:30
किशनगंज के एसपी मनीष कुमार और एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने इसकी पुष्टि की है. टाउन थानाध्यक्ष व इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
पटनाः बिहार के किशनगंज के पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है.
पश्चिम बंगाल के पंतापाड़ा गांव में बीते नौ अप्रैल की रात छापेमारी के लिए पहुंची किशनगंज थाने की पुलिस पर हमले के लिए मस्जिद से ऐलान किया गया था. किशनगंज के एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी अनुसार थानेदार की हत्या करने वाले भीड़ को वहां की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था.
किशनगंज के एसपी मनीष कुमार ने भी इसकी पुष्टि की
मस्जिद से गांव में चोर और डाकू के प्रवेश करने की बात कह भीड़ जुटाई गई, फिर वर्दीधारी पुलिस पर हमला कर दिया गया. एसडीपीओ ने बताया कि मस्जिद से ऐलान होते ही लाठी-डंडे व धारदार हथियारों से लैस सैकड़ों की संख्या में जुटी भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी. इस दौरान बाकी पुलिस वाले तो किसी तरह जान बचाने में सफल रहे, लेकिन किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष व इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. किशनगंज के एसपी मनीष कुमार ने भी इसकी पुष्टि की है. एसपी के अनुसार अनाउंसमेंट कर लोगों की भीड़ को इकट्ठा किया गया था.
ग्वालपोखर थाना में दर्ज इस मामले की प्राथमिकी में इसका जिक्र किया गया
दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया. वहीं अनाउंसमेंट किया गया कि, कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं, जिसके बाद भीड़ ने थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पांच, जबकि बिहार से करीब तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड फिरोज और इजराइल थे जिनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर थाना में दर्ज इस मामले की प्राथमिकी में इसका जिक्र किया गया है.
थाना में 21 नामजद समेत पांच सौ अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया
छापेमारी टीम में शामिल रहे इंस्पेक्टर मनीष कुमार द्वारा दर्ज प्राथमिकी में भी इसका उल्लेख किया गया है कि मुख्य आरोपित फिरोज के घर पुलिस के दबिश देते ही मस्जिद से यह ऐलान कर दिया गया कि गांव में चोर और डाकू घुस आए हैं. इस मामले में इंस्पेक्टर मनीष कुमार की शिकायत पर ग्वालपोखर थाना में 21 नामजद समेत पांच सौ अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.
घटना के दिन ही शनिवार को बंगाल पुलिस ने मुख्य आरोपित फिरोज आलम, अबुजर आलम, सहीनुर खातुन को गिरफ्तार किया. इनमें महिला मुख्य आरोपित की मां है. इसके बाद रविवार को मलिक उर्फ अबदुल मलिक और इसराइल को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार सभी आरोपित पंतापाड़ा गांव के रहने वाले हैं.
मां की हार्ट अटैक से मौत हो गई
वहीं इस केस में लापरवाही बरतने और थानेदार को अकेला छोडकर भागने वाले पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है. बता दें कि किसी चोरी की घटना को लेकर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार मॉब लीचिंग के शिकार बन गए थे. वहीं इस घटना को सूचना जब उनकी मां को मिली तो उनकी मां की हार्ट अटैक से मौत हो गई. जिसके बाद दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया था.
वहीं इस मामले को लेकर बिहार में सियासी हलचल भी शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के पंतापाडा में बिहार के किशनगंज थाने की पुलिस सर्किल इंस्पेक्टर और किशनगंज थाने के थानेदार के नेतृत्व में बाइक लूट के एक मामले की पड़ताल करने गई थी.
भीड़ ने किशनगंज थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को मार डाला था
नौ अप्रैल की रात बिहार के सीमावर्ती गांव में जाने से पहले किशनगंज पुलिस ने इसकी सूचना बंगाल के संबंधित थाने की पुलिस को भी दी थी, लेकिन वहां की स्थानीय पुलिस समय पर वहां नहीं पहुंची और सुबह होने से पहले करीब तीन बजे रात के अंधेरे में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. भीड़ ने किशनगंज थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को मार डाला था. इस दौरान उनके साथ गए बाकी पुलिसवालों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.