पटनाः बिहार में आपराधिक गतिविधि से अर्जित संपत्तियों की जब्ती की कवायद तेज कर दी गई हैं। विशेषकर मुजफ्फरपुर जिले में जहां शराब माफिया नेटवर्क बहुत तेजी से फैला है, वहां पुलिस ने अब 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त करने की दिशा में कार्रवाई तेज कर दी है। सरकार उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है। इसके साथ ही अब तक 21 शराब माफिया की बिहार और दूसरे राज्यों में फैली अवैध संपत्तियों को जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। इनमें तीन के खिलाफ ईडी ने इंफोर्समेंट केस इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी अब तक चार बड़े शराब माफिया की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुका है। इनमें भोजपुर के शराब माफिया संजय प्रताप सिंह एवं उसकी पत्नी किरण देवी की दो करोड़ से अधिक की संपत्ति शामिल है। वहीं, पुलिस सूत्रों की मानें तो 30 से ज्यादा सक्रिय शराब माफिया चिन्हित किए गए हैं, जिनकी संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
इन माफियाओं में मुजफ्फरपुर जिले के कुख्यात चुन्नू ठाकुर के नेटवर्क से जुड़े शातिर तस्कर भी शामिल हैं। पुलिस अब इन अपराधियों के स्वयं के नाम के अलावा परिवार व रिश्तेदारों के नाम की संपत्तियों का भी ब्यौरा खंगाल रही है। वहीं, तीन साल पहले मुजफ्फरपुर जिले मिठनपुरा थाने में हुई गिरफ्तारी के दौरान अमित कुमार के पास से बरामद तीन रजिस्टर, जिनमें शराब सप्लाई का विस्तृत हिसाब दर्ज था।
अब जांच का बड़ा आधार बन चुके हैं। इसी तरह, रवि मास्टर पर भी कई थानों में केस दर्ज हैं और उसकी संपत्ति का आकलन पुलिस द्वारा किया जा रहा है। बता दें कि पुलिस व मद्य निषेध विभाग इस वर्ष बिहार के बाहर से 20 बड़े शराब माफिया को गिरफ्तार कर चुकी है।
इनमें झारखंड के बोकारो से गिरफ्तार अनिल कुमार सिंह, बरियातू से गिरफ्तार विपिन कुमार सिंह, गोरखपुर से गिरफ्तार सचिव कुमार पांडेय, कोलकाता से गिरफ्तार राहुल तिवारी, राजेश तिवारी एवं रमेश तिवारी, हरियाणा के भिवानी एवं हिसार से गिरफ्तार नरेश कुमार, सोमवीर एवं विनोद काली तथा पंजाब के पटियाला से गिरफ्तार निशान सिंह शामिल हैं।
वे बिहार के बाहर से बिहार में शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। दरअसल, सरकार की नजर खास तौर पर बिहार के बाहर से शराब की तस्करी करने वालों पर है। इसी कड़ी में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समस्तीपुर जिला निवासी वीडियो राय और उनके परिवार के सदस्यों की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है।
ईडी के मुताबिक, यह कार्रवाई पटना की आर्थिक अपराध इकाई से प्राप्त कई प्राथमिकी के आधार पर 22 फरवरी को ईसीआईआर दर्ज करके पीएमएलए 2002 के तहत की गई है। इसके साथ ही बिहार के नवादा के अवैध शराब माफिया संजय प्रताप सिंह व उनके परिजनों की 15 अचल संपत्तियों को जब्त कर कब्जा ले लिया गया है।
नवादा में हुए विषाक्त शराब कांड में 21 लोगों की मौत हो गई थी। सिंह व परिजनों की जब्त संपत्तियों का मूल्य 1.31 करोड़ रुपये बताया गया है। संपत्ति जब्ती को बिहार में लागू शराबबंदी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य यह स्पष्ट है कि सिर्फ गिरफ्तारी या जेल ही नहीं, बल्कि अवैध कमाई से बनी संपत्ति को भी खत्म किया जाए।
यह रणनीति न केवल शराब के अवैध कारोबार को हतोत्साहित करेगी, बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था और आर्थिक पारदर्शिता को भी मजबूती देगी। उसके लिए थानों की पुलिस सीओ और निबंधन कार्यालय से शराब माफियाओं की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है। इसमें शराब धंधेबाज के खुद के नाम के अलावा परिवार व निकट संबंधियों के नाम की संपत्ति का ब्योरा भी मांगा गया है।