राजनीतिक दलों ने की नक्सलियों की फंडिंग!, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, विजय आर्य और उमेश ने पूछताछ में किया खुलासा
By एस पी सिन्हा | Published: October 18, 2022 03:09 PM2022-10-18T15:09:27+5:302022-10-18T15:10:27+5:30
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिली है कि बिहार में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही यहां गुपचुप तरीके से नक्सली गतिविधियों को बढ़ाने के लिए फंडिंग की जा रही है।
पटनाः बिहार में नक्सल समस्या को लेकर कान खड़े कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को यह खुफिया जानकारी मिली है कि राज्य में नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है। इस काम में कुछ राजनीतिक दल लगे हुए हैं।
इन राजनीतिक पार्टियों के जरिए नक्सलियों को फंडिंग की जा रही है और इसकी शुरुआती जानकारी मिलने के बाद एजेंसी आज जांच में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिली है कि बिहार में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही यहां गुपचुप तरीके से नक्सली गतिविधियों को बढ़ाने के लिए फंडिंग की जा रही है।
यह जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें उन राजनीतिक दलों की ओर टिक गई है। नक्सली गतिविधियों को जो बढ़ाने के लिए जिन लोगों के द्वारा गुपचुप तरीके से फंडिंग की जा रही है, उन पर इन एजेंसियों की नजर है। बता दें कि इस मामले में एनआईए ने पिछले दिनों विजय आर्य और उमेश को रोहतास में दर्ज एक मामले को लेकर गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार किए गए नक्सलियों ने एनआईए को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी के सक्रिए सदस्य विजय आर्य और उसके सहयोगी उमेश के मुताबिक बिहार में नए सदस्यों की भर्ती के लिए मूवमेंट चलाया जा रहा है।
गया और रोहतास जिले में इसके लिए मोटी फंडिंग भी मुहैया कराई गई थी। इस फंडिंग का इस्तेमाल पर्चे छपवा ने और बाकी नक्सली एक्टिविटी के ऊपर किया गया। जानकारी के मुताबिक के एक बार फिर से लेवी सिस्टम को एक्टिव करने में कुछ लोग लगे हुए हैं। कुछ राजनीतिक पार्टियां जो बैकअप दे रही हैं, उन पर अब एजेंसियों की नजर है।