बिहार मॉब लिंचिंगः बेखौफ भीड़तंत्र ने पांच दिन में उतारा छह लोगों को मौत के घाट
By एस पी सिन्हा | Published: September 11, 2018 06:39 PM2018-09-11T18:39:26+5:302018-09-11T18:39:26+5:30
भीड़ के आगे न तो पुलिस का वश चल रहा है और न ही वहां खड़े किसी इंसान का। पिछले पांच दिनों के दौरान बिहार से भीड़ की चार खौफनाक तस्वीरें आई हैं। चारों तस्वीरों में भीड़ बेखौफ और जानलेवा दिखी और मामले का ऑन स्पॉट निपटारा कर दिया।
पटना, 11 सितंबरःबिहार में जनता को शायद अब पुलिस पर से भरोसा उठ चुका है, यही कारण है कि भीड़तंत्र खुद ही सजा देने लगी है। इस तरह सूबे में कई जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं। झूठी अफवाहों के चलते भीड़ ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है। सूबे में भीड़ के चेहरे को देख कर लग रहा है कि उन्हें न तो कानून का खौफ है और न ही उनमें अब इंसानियत बची है। इस दौरान 5 दिनों के अंदर बिहार में भीड़ ने 6 लोगों को खौफनाक तरीके से पीट-पीटकर मार डाला।
भीड़ के आगे न तो पुलिस का वश चल रहा है और न ही वहां खड़े किसी इंसान का। पिछले पांच दिनों के दौरान बिहार से भीड़ की चार खौफनाक तस्वीरें आई हैं। चारों तस्वीरों में भीड़ बेखौफ और जानलेवा दिखी और मामले का ऑन स्पॉट निपटारा कर दिया। भीड़ के गुस्से की पहली तस्वीर इसी महीने 7 सितंबर को आई, जहां बेगूसराय में उसने 3 लोगों को पीट-पीटकर मार डाला।
भीड के हत्थे चढ़े तीनों अपराधियों ने अपहरण की कोशिश की थी, जिसके बाद उसने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला। दूसरी तस्वीर 08 सितंबर को सामने आई। ये तस्वीर और भी खौफनाक थी क्योंकि यहां भीड़ के हत्थे एक महिला की हत्या कर दी गई। सासाराम में मामूली विवाद में एक महिला को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। शक था कि महिला ने जादू-टोना किया था, जिसके बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना शहर के आंबेडकर चौक से सटे नहर किनारे दलित बस्ती की थी। इस मामले में पुलिस ने चार में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
भीड़तंत्र की तीसरी तस्वीर सीतामढ़ी जिले से 10 सितंबर (सोमवार) को आई, जहां चोरी की आशंका में एक व्यक्ति को भीड़ ने मार डाला। इस मामले में पुलिस ने एक नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इस बीच मंगलवार 11 दिसंबर को सासाराम में भीड़तंत्र की तस्वीर सामने आई, जहां लूटपाट करने आये एक अपराधी को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। हालांकि उसकी आपराधिक चरित्र बताई जा रही है। लेकिन मॉब लिंचिंग की इन घटनाओं ने एक बार फिर से बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े कर दिये हैं।
जिस तरह से लोगों के मन से पुलिस का खौफ निकल रहा है और लोग कानून हाथ में लेने से बाज नहीं आ रहे वो निश्चित रूप से कानून पर सवालिया निशान है। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कहा था कि वो संविधान के मुताबिक काम करें। साथ ही राज्य सरकारों को लिंचिंग रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को लागू करें। बावजूद इसके भीड़ के चेहरे को देख कर लग रहा है कि उन्हें न तो कानून का खौफ है और न ही उनमें अब इंसानियत बची है।