बिहार-झारखंड में नक्सलियों के कई ठिकानों पर NIA का ऑपरेशन, पिस्टल, राइफल, कारतूस के साथ संदिग्ध दस्तावेज बरामद
By एस पी सिन्हा | Published: February 12, 2022 07:47 PM2022-02-12T19:47:39+5:302022-02-12T19:47:39+5:30
छापेमारी के दौरान एनआईए ने तीन देसी पिस्टल, एक राइफल, 59 कारतूस, भारी संख्या में डिजिटल उपकरण, नक्सल साहित्य, संदिग्ध दस्तावेज और 4 किलो नारकोटिक्स जब्त किया है।
पटना: बिहार और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करते हुए एनआईए की टीम ने आज कई जगहों पर छापेमारी की। राज्य के कई जिलों में ताबड़तोड़ की गई कार्रवाई में एनआईए के निशाने पर नक्सलियों से सांठ-गांठ रखने वाले लोग हैं। वहीं कुछ नक्सलियों के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई है। बिहार में औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद व गया में छापेमारी की जानकारी सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एनआईए की टीम ने बिहार एसटीएफ और सीआरपीएफ का भी सहयोग लिया। सभी ठिकाने टेरर फंडिंग मामले के आरोपितों और संदिग्धों के हैं। इस छापेमारी के दौरान एनआईए ने तीन देसी पिस्टल, एक राइफल, 59 कारतूस, भारी संख्या में डिजिटल उपकरण, नक्सल साहित्य, संदिग्ध दस्तावेज और 4 किलो नारकोटिक्स जब्त किया है।
मामले में आगे की जांच जारी है। बिहार के जहानाबाद में 8, पटना ग्रामीण में दो, अरवल में एक, नालंदा में एक, गया में आठ, नवादा में एक तथा औरंगाबाद में 2 ठिकाने शामिल हैं। इसी प्रकार झारखंड में केवल कोडरमा में एक आरोपित के यहां छापेमारी हुई है। सूत्रों के अनुसार एनआईए की टीम ने जहानाबाद जिले में हुलासगंज थाना क्षेत्र के रुस्तमपुर में कुख्यात नक्सली प्रदुमन शर्मा और उनके सहयोगी विकास शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी हुई।
वहीं नवादा में सहदेव यादव के घर की तलाशी ली गई। जिले के सिरदला थाना क्षेत्र के संपत बीघा गांव में छापेमारी हुई, जबकि औरंगाबाद जिले के कासमां में भाकपा माओवादी के बड़े नक्सली प्रमोद मिश्रा और बंदेया के अनिल यादव के घर छापेमारी हुई है। इस तरह से एनआईए ने कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शर्मा, सहदेव यादव, अनिल यादव, प्रमोद मिश्रा और उनके नजदीकी लोगों के ठिकानों पर अलग-अलग जिलों में एक साथ छापेमारी की है।
इस छापेमारी को काफी गोपनीय रखा गया था। एनआईए सूत्रों के अनुसार टेरर फंडिंग के माध्यम से माओवादी फंड जुटाते हैं। इस फंड से नए कैडर की बहाली करते हैं, हथियार और कारतूस खरीदते हैं। इसके बाद जेलों में बंद अपने साथियों के लिए आर्थिक मदद पहुंचाते हैं तथा क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों का संचालन करते हैं।