दानापुर कोर्ट परिसर से भागे सात आरोपियों ने किया सरेंडर, जेल, घटना की जांच शुरू, लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गाज!
By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2021 08:18 PM2021-06-09T20:18:01+5:302021-06-09T20:19:02+5:30
दानापुर न्यायालय में जमानत याचिका खारिज होने के बाद जेल ले जाए रहे सात कैदी पुलिस हिरासत से फरार हो गए थे. एक साथ सात कैदियों के न्यायालय से भाग जाने की घटना ने पुलिस सुरक्षा पर सवाल खडे़ कर दिए थे.
पटनाः बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर सिविल कोर्ट परिसर से मंगलवार को भागे सात आरोपियों ने आज कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
दानापुर न्यायालय में जमानत याचिका खारिज होने के बाद जेल ले जाए रहे सात कैदी पुलिस हिरासत से फरार हो गए थे. एक साथ सात कैदियों के न्यायालय से भाग जाने की घटना ने पुलिस सुरक्षा पर सवाल खडे़ कर दिए थे. इस बीच घटना की जांच शुरू हो गई है. इस सिलसिले में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गाज गिरनी तय है.
वहीं, सभी आरोपियों के द्वारा आत्मसमर्पण कर दिये जाने के बाद भारी पुलिसबल की मौजूदगी में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ये सभी आरोपी सिगो[ड़ी थाने के कांड संख्या 72/21 में बिजली को लेकर मारपीट व फायरिंग करने के आरोपित हैं. बताया जाता है कि उक्त कांड में 9 लोग आरोपित थे. एसीजेएम तृतीय के यहां सभी ने ऑनलाइन आत्मसमर्पण किया.
उसके बाद सभी को पेशी के लिए बुलाया गया था. पेशी के दौरान हुई बहस के बाद जब सभी की जमानत याचिका खारिज हो गई थी. इसके बाद सभी न्यायालय से चकमा देकर फरार हो गए थे. वहीं दो आरोपी वृद्ध होने की वजह से भाग नहीं पाए थे. कोर्ट से सात आरोपितों के भागने की खबर फैलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी.
फरार आरोपितों में नरौली मढ़िया निवासी सोनू यादव, लल्लू यादव, सिद्धनाथ यादव, उपेन्द्र यादव सभी पिता जट्टा यादव और चंदन कुमार, मुकुल कुमार, राज कुमार सभी पिता सिद्धनाथ यादव शामिल थे. इस संदर्भ में एसीजेएम तृतीय की पीठ कार्यालय लिपिक सह पीठ लिपिक अरविंद कुमार ने दानापुर थाने में सभी फरार आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दानापुर के सिगोड़ी थाना के नरौली गांव में बिजली के विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे. इस दौरान गोलीबारी भी हुई थी. घटना को लेकर करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद से पुलिस आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी. इस घटना के सात आरोपितों ने मंगलवार को दानापुर व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण करते हुए, जमानत की गुहार लगाई. लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिला. न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. जब पुलिसकर्मी उन्हें जेल ले जाने के लिए निकले, उसी दौरान मौका देखकर वे फरार हो गए.
कहा जा रहा है कि आरोपितों ने जमानत मिलने की उम्मीद में आत्मसमर्पण किया था. लेकिन न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. उन्हें ले जाते पुलिसकर्मी इस कारण बेफिक्र चल रहे थे कि खुद ही आत्ममसमर्पण करने वाले आरोपित भला क्यों भागेंगे? लेकिन यह लापरवाही मंहंगी पड गई. आरोपितों के भागने के बाद घटना की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस उनकी खोज में लगी थी कि इसी बीच आज उन लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.