बिहारः चेंबर में घुसकर थानेदार और दरोगा ने जज के साथ मारपीट की, अधिवक्ताओं ने बचाई जान

By एस पी सिन्हा | Published: November 18, 2021 09:02 PM2021-11-18T21:02:50+5:302021-11-18T21:04:37+5:30

बिहार के मधुबनी का मामला है. अधिवक्ताओं ने थानेदार और दरोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया. आज दोपहर उन्होंने एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में शोर शराबा होते सुना.

Bihar chamber police officer and inspector beat judge assaulted pistol advocates saved his life madhubani bihar | बिहारः चेंबर में घुसकर थानेदार और दरोगा ने जज के साथ मारपीट की, अधिवक्ताओं ने बचाई जान

डीएसपी आशीष आनंद और एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी सहित कई अधिकारी और झंझारपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची.

Highlightsपुलिसवालों के हमले से सदमे में आये जज कांप रहे थे.कर्मचारी चंदन कुमार के साथ भी दोनों पुलिसकर्मियों ने जमकर मारपीट की.जज को कहा कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि हमें तलब कर लिया.

पटनाः बिहार के मधुबनी जिले में थानेदार और दरोगा के द्वारा जज के चेंबर में घुसकर मारपीट किये जाने का मामला सामने आया है. इस घटना ने सुशासन राज को वर्दीधारियों ने कलंकित करते हुए दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की.

इस घटना के दौरान शोर-शराबा सुनकर कोर्ट के अधिवक्ता जज के चेंबर की ओर दौडे़ और उनकी जान बचाई. घटना जिले के झंझारपुर कोर्ट की है. इस घटना के बाद अधिवक्ताओं ने थानेदार और दरोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया. इस घटना के बारे में अधिवक्ताओं ने बताया कि आज दोपहर उन्होंने एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में शोर शराबा होते सुना.

मारपीट और गालीगलौज की आवाज सुनकर अधिवक्तागण जज साहब के चेंबर की ओर दौडे़. अधिवक्ताओं ने देखा कि दो वर्दीधारी हांथों में पिस्टल लिये भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे हैं और जज साहब से मारपीट कर रहे हैं. पुलिसवालों के हमले से सदमे में आये जज कांप रहे थे. बीचबचाव करने आये जज के कर्मचारी चंदन कुमार के साथ भी दोनों पुलिसकर्मियों ने जमकर मारपीट की.

जज साहब से मारपीट करने वालों मे से एक घोघरडीहा थाने के थानेदार गोपाल कृष्ण और एक एएसआई अभिमन्यु कुमार था. ये दोनों अचानक से सीधे एडीजे अविनाश कुमार के कक्ष में घुस गये और घुसते ही गाली-गलौज करना शुरू कर दिया. चेंबर में घुसते ही दोनों ने जज को कहा कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि हमें तलब कर लिया. तुमको हम एडीजे नहीं मानते. 

अधिवक्ता बलराम साह ने बताया है कि गाली देते हुए दोनों पुलिसकर्मियों ने जज के साथ मारपीट शुरू कर दी. थानेदार ऐसी ऐसी गालियां दे रहा था जो कही नहीं जा सकती. थानेदार कह रहा था कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गयी एसपी के खिलाफ लिखने की. वकील ने बताया कि जब वे चेंबर के अंदर घुसे तो पुलिसकर्मी अभिमन्यु कुमार जज साहब पर पिस्टल ताने हुआ था और जज का अनुसेवक पिस्टल छीनने की कोशिश कर रहा था. इसी क्रम में दोनों पुलिसकर्मियों ने जज के अनुसेवक को भी जमकर मारा.

इस घटना को देखकर अधिवक्तागण सन्न रह गये और दोनों पुलिसकर्मियों को कोर्ट कक्ष में ही बंद कर दिया. किसी तरह से जज की जान बचाई गई. बताया जाता है कि घटना की जानकरी मिलते ही डीएसपी आशीष आनंद और एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी सहित कई अधिकारी और झंझारपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची.

जज अविनाश कुमार के बयान पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी. हालांकि इस मामले में कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. झंझारपुर कोर्ट के अधिअक्ताओं ने बताया कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार लोक अदालत के भी अध्यक्ष हैं.

लोक अदालत में घोघरडीहा थाना क्षेत्र की एक महिला ने आवेदन दिया था. इसमें थानेदार गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार को कोर्ट में तलब किया गया था. दोनों समय पर नहीं पहुंचे तो एडीजे ने उन्हें जमकर फटकार लगाई थी. इसके बाद ये घटना हुई है. 

यहां बता दें कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में पुलिस की ओर से सही धारा न लगाने और एसपी के सुपरविजन रिपोर्ट में मामले की लीपापोती किये जाने पर बेहद सख्त रुख अख्तियार किया था.

एडीजे ने मधुबनी के एसपी डॉ सत्य प्रकाश के खिलाफ डीजीपी, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को खत लिखा था कि मधुबनी के एसपी को कानून के साथ-साथ आपराधिक मामलों में सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है. लिहाजा उन्हें आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए.

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