बिहारः जेल के बजाए घर पहुंचा बाहुबली आनंद मोहन, छह पुलिसकर्मी निलंबित, सहरसा एसपी लिपि सिंह ने दिया जवाब
By भाषा | Published: August 15, 2022 06:56 PM2022-08-15T18:56:33+5:302022-08-15T19:05:34+5:30
सहरसा जिला पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार निलंबन का आदेश सहरसा की पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने दिया है, जिन्हें पुलिस मुख्यालय ने आनंद मोहन की परिवार के साथ वायरल एक तस्वीर की जांच करने का निर्देश दिया था।
सहरसाः बिहार के गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के सिलसिले में आजीवन करावास की सजा काट रहे आनंद मोहन को पुलिस अभिरक्षा में कथित रूप से घर जाने की अनुमति देने के मामले में सोमवार को छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
पुलिस ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। सहरसा जिला पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार निलंबन का आदेश सहरसा की पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने दिया है, जिन्हें पुलिस मुख्यालय ने आनंद मोहन की परिवार के साथ वायरल एक तस्वीर की जांच करने का निर्देश दिया था।
Bihar | DSP HQ sought report. Six Police personnel suspended. Dept proceedings ongoing. Probe on jail's role on. Action being taken: Saharsa SP Lipi Singh on viral pic of Anand Mohan, jailed&serving life sentence in DM murder case, visiting home after being presented before court pic.twitter.com/cxlFuGXrpt
— ANI (@ANI) August 15, 2022
बयान में कहा गया है कि सभी निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं। सहरसा पुलिस ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मोहन को पिछले सप्ताह पटना लाया गया था, जहां उसे एक अदालत में पेश किया गया।
इस बीच, पटना यात्रा के दो दिन बाद आनंद मोहन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें मोहन, पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद के साथ दिख रहा है। चेतन अभी राजद विधायक हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रतिक्रिया देते हुये इसे कथित ‘‘जंगल राज की वापसी’’ करार देते हुये आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक के दोषी पिता खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे इस डर की पुष्टि करता है कि राजद की सत्ता में वापसी बिहार में अराजकता को वापस लाएगी, जो लालू-राबड़ी शासन की विशेषता है।
बिहार के पूर्व सांसद एवं बाहूबली आनंद मोहन जनता दल से जुड़ रहा, पर बाद में अपनी पार्टी बना ली। वह शुरुआती दौर में हमेशा सशस्त्र गुर्गों से घिरे और हथियार लिए हुए फोटो खिंचवाना पसंद करते था। आनंद मोहन और उनकी पत्नी दोनों पूर्व में राज्य विधानसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
डीएम मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे RJD नेता आनंद मोहन जेल की जगह अपने घर पहुंचे गए।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 15, 2022
ये है राजद जदयू के जंगल राज की ताकत। pic.twitter.com/1wdkxDd5Hp
आनंद मोहन के पुत्र और राजद विधायक चेतन आनंद आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि तस्वीर एक अस्पताल की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता को उच्च रक्तचाप है और रक्षा बंधन के कारण अदालत ने दोपहर में काम शुरू किया। गर्मी और उमस भरे मौसम में अदालत के बाहर प्रतीक्षा करते हुए मेरे पिता की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां मैं और मेरी मां घटना की जानकारी के लिए वहां गए थे।‘‘
विधायक ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने एक विकृत तस्वीर पेश की, जिसमें यह दावा किया गया मेरे पिता अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें बैठक की तस्वीरें भी दिखाने दें। राजद नेता ने कहा कि भाजपा को आज मेरे पिता से बहुत सी समस्याएं हैं, लेकिन उस वक्त ठीक था, जब उन्होंने 1998 के विश्वास मत के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का समर्थन किया और 10 अन्य सांसदों को भी ऐसा करने के लिए मना लिया था।
मोहन को निचली अदालत ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया की 1994 में मुजफ्फरपुर के बाहरी इलाके में हुयी हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। बाद में पटना उच्च न्यायालय ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। हालांकि, मामले के कई अन्य सह अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।