बिहार: SSP मनु महाराज को गोली मारने की मांग को लेकर 56 दिनों से अनशन पर बैठा कैदी
By एस पी सिन्हा | Published: September 7, 2018 05:32 PM2018-09-07T17:32:37+5:302018-09-07T17:32:37+5:30
कैदी रंजीत झा अपनी मांग को लेकर बीते 11 जुलाई से अनशन पर है। उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच भी ले जाया गया, लेकिन उसने दवा व सूई लेने से इन्कार दिया।
पटना, 7 सितंबर: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद सजायाफ्ता कैदी रंजीत झा पिछले 56 दिनों से अनशन पर है और इस दौरान उसकी मांग ने जेल प्रशासन को उलझन में डाल दिया है। वह पटना के एसएसपी मनु महाराज की गोली से मरना चाहता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कैदी रंजीत झा अपनी मांग को लेकर बीते 11 जुलाई से अनशन पर है। उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच भी ले जाया गया, लेकिन उसने दवा व सूई लेने से इन्कार दिया। उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसका कहना है कि उसे अपने मुकदमे में अपना पक्ष रखने के लिए सदेह उपस्थित कराया जाये। यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो उसे फांसी न दी जाये।
कारा अधीक्षक ने डीएम को पत्र लिखकर कैदी की मनोस्थिति से अवगत कराया है। इसमें बताया है कि कैदी रंजीत की मांग है कि उसे सुप्रीम कोर्ट में सदेह उपस्थित कराया जाये, ताकि वह अपने केस के संबंध में अपना पक्ष रख सके। अगर ऐसा नहीं होता है उसे फांसी नहीं चाहिए बल्कि उसे 34 गोली मार कर मरवाया जाये। इसके लिए कैदी की पसंद एसएसपी मनु महाराज हैं। समस्तीपुर के अंगरौल निवासी कैदी रंजीत ने मांगपत्र में कहा है कि जिस कांड में वह जेल में बंद है। उस कांड के अन्य अभियुक्त जमानत पर है। कैदी के अनशन तुडवाने को लेकर जेल प्रशासन ने उनके परिवार को भी बुलाकर बात कराई, लेकिन कैदी अनशन तोडने को तैयार नहीं है।
बताया जाता है कि कैदी भोजन के बजाय केवल तरल पदार्थ ले रहा है। 15 जुलाई को जब कैदी की तबीयत अधिक खराब हुई तो उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया। वहां भी कैदी ने दवा व सूई लेने से इन्कार कर दिया। कारा उपाधीक्षक के काफी समझाने के बाद सूई व दवा ली। लेकिन वह अपने मांगों को लेकर अनशन तोडने पर राजी नहीं है। रंजीत झा चर्चित ठेकेदार सत्येंद्र दूबे हत्याकांड का आरोपी है।
सत्येंद्र दुबे को शहर के पंखा टोली स्थित आवास पर करीब 18 साल पहले अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। मामले में गिरफ्तार रंजीत पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। पुलिस ने उस पर दबाव बनाने के लिए उसके परिजनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। करीब चार महीने पहले उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।