विधायक अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण, फिरौती, डकैती और बलात्कार सहित 53 अलग-अलग मामले
By एस पी सिन्हा | Published: August 18, 2019 08:39 PM2019-08-18T20:39:38+5:302019-08-18T20:39:38+5:30
विधायक अनंत सिंह के किस्से भी नाम की तरह ही अनंत हैं अर्थात एक से बढ़ कर एक किस्से. बात चाहे अपराध जगत की हो, सोनपुर के मेले में सबसे महंगा घोड़ा खरीदने और रेस जीतने की या कोई विवादास्पद बयान की.
बिहार के राजनीतिक गलियारे में अपनी हनक रखने वाले और लोगों के बीच 'छोटे सरकार' के नाम से मशहूर मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण, फिरौती और डकैती के न जाने कितने मामले दर्ज हैं. घोड़ा, हाथी के साथ-साथ अजगर सांप पालने से लेकर मर्सिडीज और बग्घी तक की सवारी करने वाले अनंत सिंह अब जल्द हीं सलाखों के अंदर होंगे.
वहीं, अनंत सिंह के घर से बरामद एके- 47 की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि इस हथियार का भरपूर इस्तेमाल हुआ है. फोरेंसिक और एटीएस से जुड़े सूत्रों की मानें तो बैलेस्टिक जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि बरामद एके- 47 से काफी गोलियां दागी गई हैं. इसका बैरल काफी रगड़ खाया हुआ है. इतना ही नहीं, अनंत सिंह के घर से एके- 47, कारतूस और ग्रेनेड बरामद होने के बाद सेना के अधिकारी व जांच एजेंसियां एक रॉकेट लांचर, एक एलएमजी और एक दर्जन एके- 47 सहित अन्य घातक हथियारों की खोज में जुट गई हैं. सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों को यह सूचना मिली है कि मोकामा, बाढ, पंडारक, लखीसराय, मुंगेर सहित अन्य इलाकों में एक शख्स के पास चार एके- 56, दो एके- 47 और नौ 306 राइफल हैं. वहीं एक व्यक्ति के पास दो एके- 56, चार एके- 47 और सात इंगलिश रायफल हैं. लिहाजा पुलिस की टीम और सुरक्षा एजेंसियां इसकी गंभीरता से जांचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई हैं.
वहीं, विधायक अनंत सिंह के किस्से भी नाम की तरह ही अनंत हैं अर्थात एक से बढ़ कर एक किस्से. बात चाहे अपराध जगत की हो, सोनपुर के मेले में सबसे महंगा घोड़ा खरीदने और रेस जीतने की या कोई विवादास्पद बयान की. अनंत सिंह हमेशा खबरों में बने रहते हैं. इलाके में 'छोटे सरकार' के नाम से चर्चित बिहार के इस बाहुबली का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है. अनंत सिंह पर अपराध से जुड़े मामलों की फेरहिस्त काफी लंबी है. हत्या की साजिश रचने के इस केस को जोड़ लें तो उन पर अभी तक अपराध के 53 अलग-अलग मामले दर्ज हैं.
अपराध जगत से अनंत का रिश्ता कई दशक पुराना रहा है. कहा जाता है अनंत सिंह ने 12 साल की उम्र में हत्या की पहली घटना को अंजाम दिया तो इसके बाद उन्होंने मुड़ कर कभी पीछे नहीं देखा. पहले वह जुर्म की दुनिया के बादशाह बने और फिर राजनीति में प्रवेश लिया. अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसे संगीन मामलों में कई केस दर्ज हैं. अनंत सिंह की छवि दबंग और बाहुबली की है, लेकिन उन पर रेप जैसे संगीन आरोप भी लगे हैं. 2007 में उन पर एक महिला से बलात्कार और उसकी हत्या का आरोप लगा था. 2013 में पटना के पाटलिपुत्रा कॉलोनी में जबरन कब्जा का आरोप लगा तो साल 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अनंत सिंह पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया.
'छोटे सरकार' पर एनटीपीसी में मैन पावर की आपूर्ति के ठेके में घोटाले का भी आरोप लगा है. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2007 तक अनंत सिंह पर कुल 23 मामले दर्ज थे, वहीं अकेले साल 2015 में अनंत सिंह के खिलाफ 30 मामले दर्ज हुए. अनंत सिंह की क्राइम 'कुंडली' को खंगालें तो उन पर हत्या के 5 केस, हत्या की कोशिश के 6 केस, डकैती के 2 केस और अपहरण के 2 केस दर्ज हैं.
ऐसा पहली बार नहीं है कि अनंत सिंह गिरफ्तार होंगे. पहले भी कई बार अनंत सिंह संगीन अपराध के आरोप में जेल जा चुके हैं. कानून की किताब में शायद ही कोई ऐसी धारा बची हो जिसके तहत अनंत सिंह पर केस दर्ज नहीं हुआ हो. वर्ष 2005 के आस-पास अनंत सिंह का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें वे एक महफिल में एके-47 के साथ नाचते और फायरिंग करते नजर आए थे. उस वक्त भी अनंत सिंह को लेकर काफी विवाद हुआ था, लेकिन कहा जाता है कि नीतीश कुमार की नजदीकी के कारण अनंत सिंह बच गए थे.
यहां बता दें कि पहले भी अनंत सिंह के घर पर राबड़ी देवी के अंतिम कार्यकाल में भी छापेमारी हुई थी. इस छापेमारी के दौरान बिहार पुलिस और अनंत सिंह के बीच घंटों तक फायरिंग हुई थी. लेकिन जानकारों की मानें तो उस समय की राजनीतिक परिस्थिति में अनंत सिंह पर नीतीश कुमार और ललन सिंह का आशीर्वाद था.
अब अनंत सिंह पिछले कुछ महीनों से लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मुंगेर के मौजूदा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं. अनंत सिंह की पत्नी बीते लोकसभा चुनाव में मुंगेर संसदीय सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी थी. एनडीए प्रत्याशी और मौजूदा सांसद ललन सिंह को इस चुनाव में अनंत सिंह से कड़ी टक्कर मिली थी. ये भी कम ताज्जुब की बात नहीं है कि इसी ललन सिंह को अनंत सिंह को राजनीति में लाने का श्रेय जाता है.