बिहार: टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 40 तबलीगी जमात से जुड़े लोगों सहित 49 विदेशी गिरफ्तार, पूछताछ जारी
By एस पी सिन्हा | Published: April 15, 2020 05:18 PM2020-04-15T17:18:23+5:302020-04-15T17:18:23+5:30
दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद ये लोग 22 मार्च को अवध असम ट्रेन से किशनगंज आये थे. इनमें से दो लोगों को छोड़ कर, जो स्थानीय हैं, शेष 11 लोगों में एक मलयेशिया तथा 10 इंडोनेशिया के नागरिक हैं.
पटना: बिहार में पुलिस ने तबलीगी जमात से जुड़े 40 लोगों सहित 49 विदेशियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लघंन करते हुए गैरकानूनी ढंग से देश में धर्म प्रचार का आरोप है और अब इन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. हालांकि भागलपुर के नवगछिया में 25 मुस्लिम परिवार के 250 लोगों ने स्क्रीनिंग कराने से इंकार कर दिया. यही नहीं मुस्लिम परिवारों ने स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्य विभाग के टीम के साथ बदसलूकी भी की और कागजात को फाड़ दिया. स्क्रीनिंग तो दूर इनलोगों ने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद बिहार पहुंचे विदेशी नागरिकों को विदेशी अधिनियम के उल्लंघन मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इसमें अररिया के जामा मस्जिद में कोरेंटाईन कर रखे गये नौ मलयेशियाई नागरिक और नरपतगंज की रेवाही पंचायत में क्वारेंटिन कर रखे गये नौ बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं. वहीं, अररिया के धरमपुर मोहल्ले से पकड़े गये तब्लीगी जमात के नौ बांग्लादेशी नागरिकों को जेल भेज दिया गया. अररिया में बांग्लादेशी नागरिकों को एक अप्रैल, 2020 को पकड़ा गया था. इसके बाद इन्हें कोरेंटीन कर दिया गया था. इधर, किशनगंज में 11 लोगों को वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इनमें एक मलयेशिया और 10 इंडोनेशिया के नागरिक हैं. वहीं, किशनगंज में 11 लोगों को वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इनमें एक मलेशिया और 10 इंडोनेशिया के नागरिक हैं.
इसबीच खबर है कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर करीब 150 लोग जब्लीगी जमात के रह रहे हैं. ये लोग बिना किसी जिले के एफआरआरओ (फॉरनर्स रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) को जानकारी दिये बिना ही रह रहे हैं. ये सभी लोग टूरिस्ट वीजा पर यहां आये हुए हैं और लंबे समय से यहीं रह रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को इस मामले को लेकर फिर से आगाह किया है. खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को ऐसे लोगों की पहचान कर इन पर नियमानुसार उचित कार्रवाई करने का सुझाव भी दिया है. दो दिन पहले पटना में तब्लीगी जमात के ऐसे ही 10 लोगों को वीसा उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा है. ये लोग भी टूरिस्ट वीजा लेकर आये थे और धर्म प्रचार कर रहे थे.
इसके अलावा खुफिया एजेंसी ने यह भी कहा है कि कई ईसाई समुदाय के लोग भी विभिन्न स्थानों पर रहे हैं. इन लोगों की भी पहचान कर इनके वीजा की समुचित जांच की जानी चाहिये. कुछ दिनों पहले दरभंगा में भी तबलीगी जमात के करीब 10 लोग टूरिस्ट वीजा पर आकर धर्मा प्रचार कर रहे थे और इन्होंने वीजा के नियमों का उल्लंघन किया था. परंतु पुलिस जब तक इन पर कार्रवाई करती, तब तक ये लोग वापस विदेश लौट गये थे. इसके बाद पुलिस ने इन्हें शरण देने वाले स्थानीय लोगों पर कार्रवाई की है. खुफिया एजेंसी ने ऐसी स्थिति से आगाह करते हुए समय रहते ऐसे लोगों की समुचित जांच करते हुए उचित कार्रवाई करने को कहा है. नियमानुसार, टूरिस्ट वीजा पर जो विदेशी आते हैं, उसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि वे किन-किन स्थानों का भ्रमण करेंगे. परंतु यह देखा गया है कि ये लोग इन स्थानों से अलग भी कई स्थानों का भ्रमण किया है, जांच में इस बात की भी जरूरत बताई गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार टूरिस्ट वीजा पर आये लोगों को धर्म प्रचार या इससे जुडे किसी तरह के काम में शामिल होने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है. धर्म प्रचार के लिए विशेष अनुमति के साथ वीसा लेने की जरूरत पड़ती है. ऐसे लोग जिस जिले में जाते हैं, वहां के एफआरआरओ यानी एसपी या एसएसपी को सूचना देना अनिवार्य होता है. परंतु तब्लीगी जमात या ईसाई मिशनरी के लोगों ने इसकी सूचना नहीं दी है. इसबीच अचानक हो रही कार्रवाई से तब्लीगी जामत से जुडे लोगों में खलबली मच गई है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से कई जिलों को सूचित कराया गया है कि उनके जिलों में जो तब्लीगी जमात में शामिल हुए हैं. उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाये. ऐसे में समस्तीपुर में भी नौ बांग्लादेशी नागरिकों को भेजा गया. जबकि किशनगंज में वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 11 विदेशियों जमातियों को भेजा गया. दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद ये लोग 22 मार्च को अवध असम ट्रेन से किशनगंज आये थे. इनमें से दो लोगों को छोड़ कर, जो स्थानीय हैं, शेष 11 लोगों में एक मलयेशिया तथा 10 इंडोनेशिया के नागरिक हैं. इन सभी लोगों पर टूरिस्ट वीजा के नियमों की अनदेखी कर कानून तोड़ने का आरोप है.