दिल्ली में वेश्यावृति के पेशे से 26 लड़कियों को कराया गया मुक्त, नौकरी का झांसा देकर लाई गईं थी बिहार से
By एस पी सिन्हा | Published: September 25, 2018 06:45 PM2018-09-25T18:45:13+5:302018-09-25T18:45:13+5:30
ये सभी रांची, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के रहने वाले हैं। मानव तस्करों द्वारा काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाये गये थे। वहां इनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था।
रांची,25 सितंबर: झारखंड से काम के नाम पर तस्करों द्वारा दिल्ली ले जायी गईं 16 बच्चियों को मुक्त कराकर रांची लाया गया है। दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस से सभी बच्चियां रांची पहुंची। दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था शक्ति वाहिणी की मदद से इन बच्चियों को दिल्ली और हरियाणा के विभिन्न इलाकों से मुक्त कराया गया।
बताया जाता है कि मानव तस्करों ने इन्हें अच्छी नौकरी का लालच देकर दिल्ली और हरियाणा में बेच डाला इनमें से कुछ लडकियों के साथ दुष्कर्म की वारदात को भी अंजाम दिया गया है। ये लडकियां दिल्ली में गिरफ्तार की गई कुख्यात मानव तस्कर प्रभा मुनि के जरिए बेच दी गई थी। छोटे-छोटे बैग में अपने कपड़ों को बिना समेटे अपने घर पहुंचने की लालसा दिल्ली से आई सभी 16 लड़कियों के चेहरे पर नजर आ रही थी।
मानों वो अपने राज्य आकर सुकून महसूस कर रही हों। ये लड़कियां दिल्ली और आस-पास के कई इलाके से रेस्क्यू कर लायी गई हैं। झारखंड के अलग-अलग जिलों की इन लडकियों को कभी पैसे के नाम पर तो कभी गरीबी के नाम पर और कभी काम के नाम पर दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में बेच दिया गया था। इसके बाद उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया।
किसी तरह गुमनामी और तस्कर के चंगुल से बच कर निकली लडकियों ने कुछ ऐसी बातें भी बताई जो किसी की भी रूह कंपा दे। एक लडकी ने बताया की मानव तस्कर प्रभा मिंज का पति उसके साथ बडी ही बेरहमी से मारपीट करता था। हर दिन वह उसके साथ गलत काम किया करता था। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
बताया जाता है कि अपने राज्य लौटी कुछ लडकियों को अपने घर के बारे में जानकारी तक नहीं है। फिर भी कुछ धुंधली यादों के सहारे वे अपने घर की तलाश कर रही हैं। कुछ लडकियों ने बताया कि पेट भरने के नाम पर उनको एक वक्त मात्र दो रोटी दी जाती थी। पुलिस औए प्रशासन फिलहाल इन लडकियों को उनके घर तक पहुंचाने की कोशिश में जुटा है। रांची पहुंचने वालों में 16 बच्चियां और एक बच्चा शामिल है।
ये सभी रांची, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के रहने वाले हैं। मानव तस्करों द्वारा काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाये गये थे। वहां इनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। कई के साथ आर्थिक के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक शोषण भी किया गया। दिल्ली से बच्चियों को लेकर रांची पहुंचे शक्ति वाहिणी संस्था के सदस्यों ने कहा कि तस्कर पन्ना लाल और प्रभामुनी के द्वारा फर्जी प्लेसमेंट ऑफिस खोलकर बच्चे-बच्चियों को बहला-फुसला कर दिल्ली ले जाया जाता है। फिलहाल इन बच्चियों को रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है। जहां से इन्हें प्रेमाश्रय के जरिये सीड्ब्ल्यूसी भेजा जायेगा। फिर वहां से बच्चियां अपने घर जाएंगी।