बाटला हाउस कांड के 11 साल पूरे, जानें देश के सबसे विवादित एनकाउंटर पर क्या कहते हैं पूर्व ED चीफ

By पल्लवी कुमारी | Published: September 19, 2019 02:51 PM2019-09-19T14:51:06+5:302019-09-19T14:51:06+5:30

19 सितंबर 2008 को राजधानी दिल्ली में जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में एनकाउंटर हुआ था। जिसके बाद ये देश का सबसे बहुचर्चित कांड हो गया था।

Batla House 11 years completed need to know about controversial Batla House encounter | बाटला हाउस कांड के 11 साल पूरे, जानें देश के सबसे विवादित एनकाउंटर पर क्या कहते हैं पूर्व ED चीफ

बाटला हाउस कांड के 11 साल पूरे, जानें देश के सबसे विवादित एनकाउंटर पर क्या कहते हैं पूर्व ED चीफ

Highlightsबाटला हाउस को मुठभेड़ लीड कर रहे दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गये थे दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गये थे और दो गिरफ्तार किये गये थे।बाटला हाउस की घटना पर अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म भी आई है।

19 सितंबर 2008 को राजधानी दिल्ली में जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में एनकाउंटर हुआ। आज उस एनकाउंटर के 11 साल पूरे हो चुके हैं। उस वक्त एनकाउंटर में शामिल ईडी की टीम और पुलिस वालों ने भी नहीं सोचा होगा कि ये एनकाउंटर इस देश का सबसे बहुचर्चित कांड बन जाएगा। मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के अधिकारी मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गये थे। दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गये थे और दो गिरफ्तार किये गये थे। इस कांड पर हाल ही अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म भी रिलीज हुई थी। जो स्वतंत्रता दिवस 2019 पर रिलाज हुई थी। 

बाटला हाउस के 11 साल पूरे होने पर आइये आपको बताते हैं कि इस एनकाउंटर को लेकर ईडी के पूर्व डायरेक्टर और बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान ज्वाइंट कमिश्नर रहे करनैल सिंह क्या कहते हैं? करनैल सिंह ने इस मामले पर इंडिया टूडे से बात करते हुये बताया कि गुजरात ब्लास्ट के बाद इंटेलिजेंस एजेंसियों से दिल्ली की पुलिस को संदिग्ध आतंकवादियों के बारे में इनपुट मिले थे। उसके बाद इनपुट को डेवलप किया, जिसमें मुख्य भूमिका निभा रहे थे मोहन चंद्र शर्मा। जिसके बाद हमें लीड के तौर पर एक मोबाइल फोन का नंबर मिला। लीड के आधार पर बाटला हाउस में मोहन चंद शर्मा की टीम ने सर्च ऑपरेशन किया लेकिन उस दौरान हालात एनकाउंटर जैसे बन गये। एनकाउंटर के बाद जो लीड मिली उसमें उसमें पूरा इंडियन मुजाहिद्दीन का मॉड्यूल था। 

इस एनकाउंटर के विवादों पर बात करते हुये करनैल सिंह ने कहा, राजनीति की वजह से इस घटना को ज्यादा हाइप किया गया। यहां तक कि पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये गये थे। 

एनकाउंटर में पुलिस के अधिकारी मोहन चंद्र शर्मा शहीद होने पर करनैल सिंह कहते हैं, मोहन चंद्र शर्मा की टीम इस केस को सॉल्व करने के बहुत करीब थी और यह पहली बार भी नहीं था जब मोहन चंद्र शर्मा इस तरह के केस को डील कर रहे थे। उन्होंने कश्मीर में भी कई ऑपरेशन किये थे। वो बस एक हादसा था। इस मुठभेड़ में मोहन चंद्र शर्मा ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था और दो आतंकवादी गिरफ्तार भी किये गये थे। 

करनैल सिंह ने कहा, हमने बहुत सारे प्रशेर झेलने के बाद भी इस केस को सॉल्व कर लिया। स्पेशल सेल में इस केस से जुड़ी सारी कड़ियां सुलझाने में भी मदद की। लीगल स्क्रूटनी में भी यह मामला पूरी तरफ साफ हो गया था। काम स्पेशल सेल की टीम ने किया उसके बाद जो लीड मिली वो इंटेलिजेंस ऐजेंसी से शेयर की गई और उसके बाद कई सफलताएं मिलीं। 

बाटला हाउस मुठभेड़ में संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे। इसके अलावा दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज खान भाग निकले थे। जबकि दो आरोपी गिरफ्तार भी हुये थे। इस मुठभेड़ लीड कर रहे दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गये थे। मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद  राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें ज्यादा भागीदारी जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों की थी।

Web Title: Batla House 11 years completed need to know about controversial Batla House encounter

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