अंकिता भंडारी मर्डर केस: एसआईटी ने तीनों हत्यारोपियों को पुलिस रिमांड में लिया, खुलेंगे राज
By शिवेंद्र राय | Published: October 1, 2022 05:16 PM2022-10-01T17:16:25+5:302022-10-01T17:19:04+5:30
अंकिता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी बहुत ही गहनता से हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है। विशेष जांच दल ने तीनों हत्यारोपियों को पुलिस रिमांड में लिया है। जांच दल तीनों हत्यारोपियों और पटवारी वैभव प्रताप सिंह को आमने-सामने बैठाकर गहन पूछताछ कर सकती है।
नई दिल्ली: उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड में बड़ी अपडेट सामने आई है। इस केस की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल ने तीनों हत्यारोपियों को पुलिस रिमांड में लिया है। एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी. रेणुका देवी ने बताया कि तीन दिन की रिमांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित सभी से हत्याकांड से जुड़े कई सवाल पूछे जाएंगे।
अंकिता भंडारी की हत्या करने की मुख्य वजह क्या थी और अंकिता की हत्या कैसे की गई ये जानने के लिए एसआईटी टीम बेहद सोच समझ कर आगे बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार विशेष जांच दल ने पटवारी वैभव प्रताप सिंह से भी हत्याकांड से जुड़े कई सवाल पूछे हैं। मामले की तस्वीर और साफ हो सके इसलिए जांच दल तीनों हत्यारोपियों और पटवारी को आमने-सामने बैठाकर गहन पूछताछ कर सकती है। विशेष जांच दल ने इस पूरे मामले में पटवारी वैभव प्रताप सिंह की भूमिका को संदिग्ध पाया था और गिरफ्तार किया था। इससे पहले वैभव को लापरवाही बरतने पर निलंबित भी कर दिया गया था।
इस मामले में अंकिता के दोस्त पुष्प से भी विशेष जांच दल ने पूछताछ की है। पुष्पदीप अंकिता मर्डर केस में अहम गवाह है और पुलिस के बुलाने पर जम्मू से ऋषिकेश पहुंचा है। अंकिता के गायब होने की जानकारी पुष्पदीप ने ही दी थी। पूरे मामले में अंकिता और पुष्पदीप के बीच व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत को अहम सबूत माना जा रहा है। वनंत्रा रिजॉर्ट में अंकिता की नौकरी उसके दोस्त पुष्पदीप ने ही लगवाई थी। अंकिता के गायब होने के बाद पुष्पदीप ने ही सबसे पहले 20 सितंबर की दोपहर 12.33 बजे अंकिता के अपहरण और पुलकित आर्य के उससे शराब पीकर दबाव डालने और डराने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था।
बता दें कि 18 सितंबर की देर रात अंकिता की हत्या कर दी गई थी। आरोप में वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित, मैनेजर सौरभ और अंकित को पुलिस ने 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था। ये मामला उत्तराखंड में बेहद चर्चित हो चुका है। राजनीतिक दबाव की वजह से उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों से उसके गांव पहुंचकर मुलाकात की है। धामी ने इस मुलाकात के बाद पीड़ित परिजनों को भरोसा जताया कि आरोपियों पर कार्रवाई होगी।