रेप केस में पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 3, 2020 03:36 PM2020-02-03T15:36:23+5:302020-02-03T16:37:54+5:30
यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार पूर्व गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता स्वामी चिन्मयानंद पर छात्रा ने रेप का मामला दर्ज कराया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए चिन्मयानंद को जमानत देने का फैसला किया। हाईकोर्ट ने 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित किया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सहारनपुर की एक विधि छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर कर ली।
चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने यह आदेश पारित किया। इससे पूर्व शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने 16 नवंबर, 2019 को स्वामी चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उल्लेखनीय है कि पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले में पीड़िता की जमानत याचिका न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने चार दिसंबर, 2019 को मंजूर की थी। एसआईटी ने चिन्मयानंद की शिकायत पर विधि छात्रा और उसके तीन मित्रों के खिलाफ फिरौती मांगने का मामला दर्ज किया था।
Allahabad High Court grants bail to Former Union Minister and BJP leader Swami Chinmayanand in the alleged rape case of a law student. pic.twitter.com/MiQTXrrs5L
— ANI UP (@ANINewsUP) February 3, 2020
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद यौन शोषण मामले में सीजेएम अदालत में चल रहे मुकदमों को जिला न्यायाधीश ने अब जनप्रतिनिधियों के लिए बनी विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। चिन्मयानंद पर 2011 का एक मुकदमा चल रहा है, जो कथित रूप से उनकी शिष्या के साथ बलात्कार से संबंधित है। इस मुकदमे की सुनवाई इसी अदालत में 13 जनवरी को होनी है।
पीड़िता के अधिवक्ता मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या ने यौन शोषण का मामला शहर कोतवाली में 2011 में दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने 23 अक्टूबर 2012 में चार्जशीट लगाकर न्यायालय भेज दी थी, जो अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही 24 मई 2018 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा चिन्मयानंद पर चल रहा बलात्कार का मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र भेजा गया, जिस पर शिष्या द्वारा आपत्ति दाखिल की गई और उसकी आपत्ति को देखते हुए न्यायालय ने मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था और जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।
गुप्ता ने बताया इसके बाद चिन्मयानंद हाईकोर्ट चले गए और वहां से उन्होंने अदालत द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने के लिए स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। गौरतलब है कि स्वामी चिन्मयानंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं और शाहजहांपुर में मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता हैं। मुमुक्षु आश्रम द्वारा पांच शिक्षण संस्थाओं का संचालन होता है।