विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब मददगारों पर मार, बदमाशों को शरण देने के आरोप में 2 लोग ग्वालियर से गिरफ्तार
By भाषा | Published: July 11, 2020 02:35 PM2020-07-11T14:35:47+5:302020-07-11T14:35:47+5:30
कानपुर कांड (Kanpur Encounter) का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के साथ एनकाउंटर में 10 जुलाई की सुबह मार दिया गया था। विकास कानपुर गोली कांड के बाद 3 जुलाई से फरार था और 9 जुलाई को उज्जैन में पकड़ा गया था।
ग्वालियर: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने कथित मुठभेड़ (Kanpur Encounter) में मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) गिरोह के लोगों को शरण देने के आरोप में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विकास दुबे गिरोह के दो सदस्यों शशिकांत पांडे और शिवम दुबे को ग्वालियर में शरण देने के मामले में ओमप्रकाश पांडे और अनिल पांडे को उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (STF) ने सात जुलाई को ग्वालियर से हिरासत में लिया था और कानपुर ले गई थी। बाद में दोनों को 10 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि इन दोनों को हिरासत में लेने में उत्तर प्रदेश पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस से कोई सहयोग नहीं लिया। ग्वालियर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजाबाबू सिंह ने शनिवार को बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गिरोह के दो लोगों को ग्वालियर में शरण देने के मामले में एसटीएफ कानपुर की एक टीम ने सात जुलाई को दो लोगों ओमप्रकाश पांडे और अनिल पांडे को गिरफ्तार किया और उन्हें अपने साथ कानपुर लेकर चली गई।’’
उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ लगातार जांच कर रही थी और मध्य प्रदेश पुलिस सहयोग भी कर रही थी। लेकिन इन दोनों को हिरासत में लेने की स्थानीय पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों को ग्वालियर के गोला का मंदिर और सागर ताल इलाके से गिरफ्तार किया था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने केवल इन दोनों को ही गिरफ्तार किया था। सिंह ने बताया कि इन दोनों को भादंवि की धारा 216 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसमें किसी अपराधी को आश्रय देना अपराध है। हालांकि, उन्होंने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस के बीच किसी तरह के टकराव से इनकार किया है।
गत दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने गोलीबारी कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बाद में विकास दुबे गुरुवार (9 जुलाई) को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में पकड़ा गया था और कानपुर ले जाते वक्त पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था।