बिहार में 420 पदाधिकारियों पर जालसाजी के आरोप में IPC की धारा 420 के तहत केस दर्ज, ये है मामला
By एस पी सिन्हा | Published: February 7, 2020 09:12 AM2020-02-07T09:12:10+5:302020-02-07T09:21:17+5:30
बिहार के बक्सर में विभिन्न तरह की आर्थिक सहायता के नाम पर ग्रामीण महिलाओं से करोड़ों रु पए की राशि लेकर कथित तौर पर फर्जी रिकौन म्यूच्यूअल निधि लिमिटेड नामक एक एनजीओ गायब हो गया.
बिहार मेंनीतीश कुमार की सरकार के 420 पदाधिकारी जालसाजी की धारा 420 के तहत मामले में आरोपी हैं. आरटीआई से खुलासा हुआ है कि 420 पदाधिकारियों ने चावल मिलरों से मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई है और सरकार ने इस मामले में सभी पर केस दर्ज कराया है. इसमें 10 तो बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं, जो आज भी कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारियों ने चावल मिलरों से मिलकर सरकार के अरबों रुपए का वारा न्यारा कर दिया है. कॉरपोरेशन के पदाधिकारियों ने किसानों से खरीदे गए धान को चावल मील में जमा तो करा दिया, लेकिन उनसे चावल वसूल नहीं पाए. आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय इस मामले को लेकर कोर्ट गए. उसके बाद ही सरकार ने अपने पदाधिकारियों पर केस दर्ज करना शुरू किया. 2011-12 से लेकर अब तक हुई गड़बड़ी को लेकर सरकार 1775 प्राथमिकी अपने पदाधिकारियों और चावल मिलरों पर किया है.
बिहार राज्य खाद्य निगम के नियम के अनुसार 100 किलो धान के बदले चावल मिल 67 किलो चावल देते है, लेकिन राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारियों ने धान तो मील मालिकों को दे दी, लेकिन चावल नहीं लिए और ऐसा 2011 से लगातार हो रहा है . बताया जाता है कि 2011 -12 मे 2,159087 मीट्रिक टन धान किसानों से लिया गया, लेकिन 17149 मीट्रीक टन धान को बर्बाद घोषित कर दिया गया. वहीं, 2012-13 में 1946612 मीट्रिक टन धान किसानों से लिया गया, जिसमें 58588 मीट्रीक टन धान बर्बाद घोषित किया गया. 2013-14 में 1404837 मीट्रिक टन धान किसानों से लिया गया, जिसमें 69020 मीट्रीक टन धान बर्बाद घोषित कर दिया गया.
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय बताते हैं कि सरकार की मिलीभगत से ही इस धान घोटाले को अंजाम दिया गया. जिन पदाधिकारियों पर पैसा गबन का मामला दर्ज है वो महत्वपूर्ण पदों पर तैनात है. हर जिले के पदाधिकारियों ने की गड़बड़ी धान घोटाले का मामला तो पहले से ही चल रहा है. लेकिन यह पहली बार खुलासा हुआ है कि बिहार के 420 पदाधिकारियों पर सरकारी पैसे का गबन का मामला थाने में दर्ज कराया गया हो. तकरीबन 250 करोड़ के इस घोटाले को यदि जिलावार तरीके से देखा जाए तो 2011-12 से लेकर 2013-14 तक हर जिले में राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारियों ने गड़बड़ी की है.
फर्जी कंपनी बनाकर महिलाओं से की करोड़ों की ठगी बक्सर : बिहार के बक्सर में विभिन्न तरह की आर्थिक सहायता के नाम पर ग्रामीण महिलाओं से करोड़ों रु पए की राशि लेकर कथित तौर पर फर्जी रिकौन म्यूच्यूअल निधि लिमिटेड नामक एक एनजीओ चंपत हो गया. ठगी का यह मामला प्रकाश में आते ही गुरु वार को काफी संख्या में महिलाओं ने उसके कार्यालय के बाहर हंगामा किया.
बताया जाता है कि रिकौन म्यूच्यूअल निधि लिमिटेड के कर्मचारी ग्रामीण महिलाओं को सदस्य बनाने व विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के नाम पर पांच सौ से अधिक महिलाओं को सदस्यता दिलाई. सदस्यता के नाम पर सभी महिलाओं से 1750 रु पए से लेकर 35 सौ रु पए तक जमा कराया गया. संस्था ने कंपनी के उद्घाटन के दिन गुरुवार को पचास हजार से लेकर एक लाख रु पए देने की बात कही. लेकिन जब आज महिलाएं पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला. इसके बाद ग्रामीणों ने कंपनी के कार्यालय का ताला तोड़कर हंगामा कर दिया.