बिहारः छात्रा ने फर्जी फेसबुक अकाउंट के चलते की आत्महत्या, दोस्त करते थे ब्लैकमेल
By एस पी सिन्हा | Published: October 16, 2018 08:22 PM2018-10-16T20:22:06+5:302018-10-16T20:22:06+5:30
मुजफ्फरपुर के काजी मुहम्मदपुर थाना इलाका की रहने वाली माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा मासूम डॉली की जलकर मौत हो गई थी।
बिहार के मुजफ्फरपुर की माइक्रोबायोलॉजी की 20 साल की छात्रा डॉली ने फर्जी फेसबुक अकाउंट से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया था। पुलिस जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि डॉली की मौत के लिए फर्जी फेसबुक एपिसोड ही जिम्मेदार है। पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने डॉली की फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी।
मुजफ्फरपुर के काजी मुहम्मदपुर थाना इलाका की रहने वाली माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा मासूम डॉली की जलकर मौत हो गई थी। डॉली के माता-पिता समेत पूरा मुहल्ला अभी भी उस चित्कारी मंजर से उबरे नही हैं जब पूरी तरह से जल चुका उसका शव अपने ही घर से निकाला गया था।
इस मामले में पुलिस की तफ्तीश यह पता चला है कि डॉली की मौत में सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल सबसे अहम कारण था। डॉली का फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उसे परेशान करने वाले कोई और नहीं बल्कि उसके करीबी दोस्त ही थे। पुलिस ने राहुल और अमित उर्फ चंदन नाम के दो लडकों को गिरफ्तार किया है जो डॉली के दोस्त थे।
राहुल तो डॉली का पड़ोसी ही है और दोनों के पिता रेलवे के कर्मचारी हैं। बताया जाता है कि परिजनों के शिकायत के बाद भी काजी मोहम्मदपुर थाना की पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। हालात कुछ ऐसे बने की डॉली दुनिया को अलविदा कह गई।
परिजनों के अनुसार मौत से कुछ दिन पूर्व डॉली को अगवा किया गया था। नशे खिलाकर डॉली को ले जाया गया था और समस्तीपुर में वह उनके चुंगल से भाग चली थी। तब रेल पुलिस की सूचना पर परिजनों ने उसे बरामद किया था। इसकी भी शिकायत स्थानीय काजी मोहम्मदपुर थाना को की गई थी लेकिन नतीजा शिफर ही रहा।
हालांकि, पुलिस की तफ्तीश में अभी यह साबित होना बाकी है कि डॉली जली या जलाई गई? लेकिन इतना साफ है कि डॉली को अपनों ने दगा दिया और शिकायत के बावजूद समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।