ग्वालियर की सेंट्रल जेल में 20 साल के कैदी ने लगाई फांसी, तीन सुरक्षाकर्मी सस्पेंड, जानें वजह
By भाषा | Published: January 27, 2020 04:26 PM2020-01-27T16:26:07+5:302020-01-27T16:26:07+5:30
इसके बाद नरोत्तम को पहले बाल अनुरक्षण केन्द्र में रखा गया, लेकिन 23 जनवरी को उसे जेल में भेज दिया गया।
ग्वालियर की केन्द्रीय जेल में 20 वर्षीय कैदी ने 26 जनवरी की शाम को पेड़ से फांसी लगाकर कथित तौर पर खुदकुशी की ली। कैदी पोस्को एक्ट में आरोपी था। इस घटना के बाद जेल के तीन सुरक्षा गार्ड को निलंबित कर दिया गया है। केन्द्रीय जेल के अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि 26 जनवरी की शाम को नरोत्तम रावत (20) नाम का कैदी खाना खाने के बाद बैरक में नहीं पहुंचा। खोजने पर उसका शव जेल परिसर में मंदिर के पास लगे एक पेड़ पर लटका हुआ पाया गया।
इसकी सूचना तुरंत बहोड़ापुर थाने में दी गई। उन्होंने बताया कि नरोत्तम ग्वालियर जिले के ही एटमा गांव का निवासी था और उसे 23 जनवरी को पोस्को एक्ट के तहत जेल में बंद किया गया था। साहू ने बताया कि मामले में जेल के तीन सुरक्षाकर्मियों ओमप्रकाश सुमन, मनोज त्यागी और प्रेम गोयल को निलंबित कर दिया गया है। मामले में जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है।
कैदी के भाई भीकम रावत ने नरोत्तम की उम्र 17 साल 11 माह होने का दावा करते हुए बताया कि इसी साल एक जनवरी को उनका भाई एक लड़की को लेकर भागा था, लेकिन 4 जनवरी को उसे थाने में हाजिर करा दिया था।
इसके बाद नरोत्तम को पहले बाल अनुरक्षण केन्द्र में रखा गया, लेकिन 23 जनवरी को उसे जेल में भेज दिया गया। भीकम ने कहा कि कड़ी सुरक्षा के बीच नरोत्तम ने जेल में फांसी कैसे लगा ली, इसकी जांच होनी चाहिए। हालांकि जेल अधीक्षक साहू ने बताया कि 23 जनवरी को न्यायालय के वारंट पर नरोत्तम रावत की उम्र 20 वर्ष लिखी हुई है।