धोनी क्यों हुए BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर, जानें पिछले तीन सालों में कैसा रहा है माही का बल्ले से प्रदर्शन

MS Dhoni: स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध से बाहर हो गए हैं, जानिए कैसा रहा उनका पिछले तीन सालों का प्रदर्शन

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 16, 2020 04:14 PM2020-01-16T16:14:05+5:302020-01-16T17:46:59+5:30

Why Dhoni dropped from BCCI central contract, Know Dhoni last three years performance | धोनी क्यों हुए BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर, जानें पिछले तीन सालों में कैसा रहा है माही का बल्ले से प्रदर्शन

एमएस धोनी को बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं मिली है

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Highlightsएमएस धोनी ने 2019 में 18 वनडे में 60 की औसत से 600 रन बनाएधोनी को बीसीसीआई के 2019-20 के केंद्रीय अनुबंध में नहीं मिली जगह

एमएस धोनी को बीसीसीआई ने अपने सालाना करार से बाहर कर दिया है। गुरुवार को घोषित बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में इस स्टार खिलाड़ी को जगह नहीं मिली है। 

धोनी के बीसीसीआई करार से बाहर होने को उनके इंटरेशनल करियर के समापन के पहले संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। धोनी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच छह महीने पहले 9 जुलाई 2019 को आईसीसी वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद से ये पूर्व कप्तान भारत के लिए खेलते नजर नहीं आया है। 

क्या धोनी के प्रदर्शन में आई है गिरावट?

धोनी के संन्यास को लेकर लंबे समय से अटकलें जारी हैं, लेकिन अब बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर होने से एक बात तो तय हो गई है कि धोनी भारतीय क्रिकेट की भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हैं।

इस स्टार खिलाड़ी के अगर पिछले कुछ साल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो उसमें निश्चित तौर पर गिरावट आई है। धोनी ने दिसंबर 2014 में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। ऐसे में वह वनडे और टी20 क्रिकेट में ही टीम इंडिया के लिए खेल रहे थे। अगर पिछले कुछ सालों के दौरान एमएस धोनी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो अगर 2018 को छोड़ दें तो इस स्टार खिलाड़ी के प्रदर्शन में इतनी गिरावट नजर नहीं आती कि उन्हें संन्यास के लिए मजबूर होना पड़े। 

हालांकि रन बनाने के बावजूद उनकी आक्रामक बैटिंग का अंदाज पहले जैसा नहीं रहा और पिछले कुछ सालों में ऐसे कई मौके आए जब उनकी धीमी बैटिंग की वजह से ही भारत को मैच गंवाना पड़ा। बेस्ट फिनिशर के रूप में चर्चित रहे इस खिलाड़ी का यही टच पिछले कुछ सालों से गायब नजर आया। 

शायद यही वजह है कि वर्ल्ड कप 2019 में ठीक-ठाक प्रदर्शन के बावजूद धोनी को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। पिछले तीन सालों (2017, 2018 और 2019) में धोनी का स्ट्राइक रेट उनके करियर के कुल स्ट्राइक रेट से कम रहा है

कैसा रहा है पिछले तीन सालों में धोनी का प्रदर्शन?

धोनी ने अपने वनडे करियर में 350 वनडे मैचों में 50.53 की औसत और 87.56 के स्ट्राइक रेट से 10773 रन बनाए हैं, जिनमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं।

अब बात धोनी के प्रदर्शन की। जनवरी 2017 में धोनी ने वनडे और टी20 की भी कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था। लेकिन उस साल उनके बल्ले से अच्छे रन निकले, धोनी ने 2017 में 29 मैचों की 22 पारियों में 60 से ज्यादा की औसत और 84 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 788 रन बनाए, इसमें एक शतक और 6 अर्धशतक शामिल थे। 
अगर 2017 में बनाए गए रनों को देखें तो ये धोनी के करियर में एक साल में बनाए गए छठे सर्वाधिक वनडे रन थे। 

2018 में एक भी वनडे अर्धशतक नहीं जड़ पाए धोनी

2018 में धोनी के करियर के सबसे निराशाजनक सालों में से एक रहा। इस साल धोनी 20 वनडे की 13 पारियों में 25 की औसत और 84 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से महज 275 रन ही बना सके, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 42 रहा और वह इस साल एक भी अर्धशतक नहीं जड़ पाए।

2019 में धोनी ने फिर से जोरदार शुरुआत की और वर्ल्ड कप से पहले 6 वनडे पारियों में 4 बार नॉट आउट रहते हुए और 4 अर्धशतक जड़ते हुए 150 से ज्यादा की औसत और 80 के स्ट्राइक रेट से 301 रन ठोक दिए थे। 

धोनी के आक्रामक बैटिंग के अंदाज में पिछले कुछ सालों में गिरावट आई है
धोनी के आक्रामक बैटिंग के अंदाज में पिछले कुछ सालों में गिरावट आई है

वर्ल्ड कप 2019 में धीमी बैटिंग ने बिगाड़ा खेल

फिर आया आईसीसी वर्ल्ड कप 2019, धोनी ने इसमें भी रन बनाने के लिहाज से निराश नहीं किया, लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में बैटिंग की उसकी वजह से ही उन्हें आलचोना झेलनी पड़ी। 

धोनी ने हालांकि दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की जीत में अच्छी बैटिंग की। लेकिन अफगानिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ उनकी धीमी बैटिंग ने फैंस को निराश किया। 

अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद सचिन तेंदुलकर ने भी पहली बार धोनी की धीमी बैटिंग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उनकी बैटिंग में इरादे की कमी नजर आई। 

धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में 52 गेंदों में 28 रन बनाए, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ 338 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए धोनी ने  31 गेंदों में 42 रन की नाबाद पारी खेली लेकिन भारत 31 रन से मैच हार गया। उस मैच में जरूरत के वक्त आक्रामक शॉट लगाने से परहेज की वजह से धोनी की आलोचना हुई।

इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 240 रन के लक्ष्य के जवाब में भारतीय टॉप ऑर्डर ढहने के बाद रवींद्र जडेजा (77) के साथ मिलकर धोनी ने सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करते हुए भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया था। लेकिन 49वें ओवर में धोनी के 72 गेंदों में 50 रन बनाकर आउट होने के बाद भारत मैच 18 रन से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया। 

उस मैच में भी जडेजा ने जहां 4 चौके और 4 छक्के जड़ते हुए आक्रामक बैटिंग की तो वहीं धोनी अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का ही लगा पाए। इस मैच के बाद से ही धोनी भारत के लिए नहीं खेले हैं। 

धोनी ने 2019 में 18 वनडे मैचों में 60 की औसत और 82.30 के स्ट्राइक रेट से 600 रन बनाए, इनमें 6 अर्धशतक शामिल हैं और उनका उच्चतम स्कोर 87 रन रहा। 

धोनी का पिछले तीन सालों में टी20 में प्रदर्शन

धोनी ने 2017 में भारत के लिए 11 टी20 मैचों में 138 के स्ट्राइक रेट से 252 रन बनाए, 2018 में 5 पारियों में 155 के स्ट्राइक रेट से 123 रन और 2019 में 5 पारियों में 116 के स्ट्राइक रेट से 130 रन बनाए। टी20 क्रिकेट में खास तौर पर पिछले दो सालों से उनका बल्ला खामोश रहा है। 

माना जा रहा है कि धोनी इस साल अक्टूबर में होने वाले 2020 टी20 वर्ल्ड कप में खेल सकते हैं, लेकिन अब बीसीसीआई के करार लिस्ट से बाहर होने से इन उम्मीदों को भी करारा झटका लगा है।

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