नई दिल्ली: ऋषिकेश कानितकर ने भले ही अपने करियर में भारत के लिए केवल 34 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन उनके नाम एक मुकाबला ऐसा है, जिसे कोई भारतीय फैन नहीं भूलेगा। साल 2015 में संन्यास ले चुके कानितकर का आज जन्मदिन है। महाराष्ट्र के पुणे में 14 नवंबर, 1974 को जन्में कानितकर बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे हैं और दाएं हाथ से ऑफब्रेक गेंदबाजी भी करते थे।
उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उस मैच की कहानी जिसने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में हमेशा-हमेशा के लिए उस श्रेणी में ला खड़ा किया, जहां से उन्हें कभी भूला नहीं जा सकेगा।
Ind Vs Pak, इंडिपेंडेंस कप का फाइनल (18, जून 1998)
क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्वीता दुनिया में किसी से छिपी नहीं है। टूर्नामेंट में कोई भी हो, जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होते हैं तो रोचक मुकाबला लगभग तय होता है। ऐसा ही एक मुकाबला करीब 20 साल पहले 1998 में ढाका में देखने को मिला था।
इंडिपेंडेंस कप का तीसरा और आखिरी फाइनल: यह मैच भारत-पाकिस्तान बल्कि क्रिकेट के इतिहास में खेले गए सबसे रोमांचक मैचों में से एक है। आखिरी दो गेंदों पर भारत को जीत के लिए 3 रनों की जरूरत थी और ऋषिकेश कानितकर ने पांचवीं गेंद पर चौका लगाकर भारत को जीत दिला दी।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 5 विकेट खोकर 314 रन बनाए। पाकिस्तान के सईद अनवर (140 रन) और एजाज अहमद (117) ने शतकीय पारी खेली। ये क्रिकेट का वह दौर था जब 300 से ज्यादा का स्कोर जीत के लिए लगभग पक्का माना जाता था।
भारत की ओर से इस मैच में सचिन तेंदुलकर (41) और सौरव गांगुली (124) ओपनिंग के लिए उतरे। पहले विकेट के लिए दोनों ने 71 रन जोड़े। तेंदुलकर के आउट होने के बाद रोबिन सिंह (82) ने गांगुली के साथ 179 रनों की साझेदारी कर भारत की जीत की उम्मीद बढ़ा दी। हालांकि इसके बाद गिरते विकेटों से मुश्किलें बढ़ गई थी। बहरहाल, भारत ने यह मैच तीन विकेट से जीता और तब यह सबसे बड़े लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने का रिकॉर्ड बन गया।
क्या फिक्स था भारत-पाकिस्तान मैच?
इसे लेकर कभी कोई पुख्ता बात सामने नहीं आई, लेकिन सवाल जरूर खड़े हुए। दरअसल, साल 2000 में तहलका मैगजीन का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया। मनोज प्रभाकर ने कपड़े में कैमरे छिपा कर कई जाने-माने लोगों से बात की थी और बाद में ये टेप रिलीज किये गये। इसी टेप में एक जगह संभवत: इसी मैच का जिक्र मिलता है।
इस टेप में अंजू महेंद्रू नाम की फिल्म एक्ट्रेस की बातचीत रिकॉर्ड थी जिसमें वह इस मैच का जिक्र कर रही हैं। अंजू इस वीडियो में कह रही हैं कि इस मैच के नतीजे से तब के भारतीय टीम के कप्तान अजहरुद्दीन खुश नहीं थे। उनके कहने का ये मतलब था कि भारत को इस मैच में 'फिक्सिंग'की डील के अनुसार हारना चाहिए था। बहरहाल, यह सबकुछ विवादों में रहा और अजहर भी तमाम आरोपों से बाहर आये। देखिये वह वीडियो...