सीएसए संकट पर केविन पीटरसन का बयान, कहा- यह हॉरर शो क्रिकेट को खत्म कर रहा है

By भाषा | Published: September 11, 2020 09:50 PM2020-09-11T21:50:46+5:302020-09-11T21:50:46+5:30

What's happening to cricket in SA is catastrophic: Kevin Pietersen | सीएसए संकट पर केविन पीटरसन का बयान, कहा- यह हॉरर शो क्रिकेट को खत्म कर रहा है

सीएसए संकट पर केविन पीटरसन का बयान, कहा- यह हॉरर शो क्रिकेट को खत्म कर रहा है

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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) में जारी मौजूदा संकट को ‘हॉरर शो’ करार देते हुए कहा कि यह देश में क्रिकेट को खत्म कर देगा। दक्षिण अफ्रीका खेल परिसंघ और ओलंपिक समिति (एसएएससीओसी) ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) को निलंबित कर दिया है क्योंकि वह इस क्रिकेट संस्था में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की जांच करना चाहता है। ओलंपिक समिति की यह कार्रवाई दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के एक लिये एक और झटका है जिस पर भ्रष्टाचार और नस्ली भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। इसका मतलब है कि अब सीएसए में दैनिक कार्यों का संचालन करने के लिये कोई नहीं होगा।

दक्षिण अफ्रीकी मूल के पीटरसन ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट को लेकर जो कुछ हो रहा है वह भयावह है।’’ सीएसए में पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ अहम पद पर थे और पीटरसन को उनके लिए बुरा लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उस संगठन में काम करने वाले कई अद्भुत लोगों और उन सभी खिलाड़ियों के लिए बहुत खेद है जो इस आपदा के कारण संघर्ष कर रहे हैं।’’ पीटरसन ने कहा, ‘‘खेल दक्षिण अफ्रीका को एकजुट करता है। यह हॉरर शो क्रिकेट को खत्म कर देगा।’’

ईएसपीएनक्रिकइन्फो कि रिपोर्ट के अनुसार ओलंपिक समिति ने मंगलवार को बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया। उसने आरोप लगाया कि सीएसए में ‘‘कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कई उदाहरण हैं जिससे क्रिकेट की बदनामी हुई।’’

सीएसए के पूर्व सीईओ थबांग मुनरो को पिछले महीने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने वाली रिपोर्ट के बाद पद से हटा दिया गया था। कार्यवाहक सीईओ जॉक फॉल और अध्यक्ष क्रिस नेनजानी ने पिछले महीने त्यागपत्र दे दिया था। फॉल की जगह कुगेंड्री गवेंडर ने ली थी। देश के चोटी के खिलाड़ियों ने भी पांच सितंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) टालने के लिये सीएसए की आलोचना की थी। सीएसए को अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है क्योंकि ओलंपिक समिति की कार्रवाई सरकारी हस्तक्षेप माना जा सकता है।

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