वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे के लिये मजबूर नहीं किया जाएगा: क्रिकेट वेस्टइंडीज प्रमुख

Cricket West Indies: जुलाई में प्रस्तावित इंग्लैंड के दौरे को लेकर क्रिकेट वेस्टइंडीज के प्रमुख ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें इस दौरे पर जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा

By भाषा | Published: May 14, 2020 05:18 PM2020-05-14T17:18:01+5:302020-05-14T17:18:13+5:30

West Indies Players won’t be forced to tour England: Cricket West Indies chief | वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे के लिये मजबूर नहीं किया जाएगा: क्रिकेट वेस्टइंडीज प्रमुख

वेस्टइंडीज टीम को टेस्ट सीरीज के लिए जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करना है (Twitter)

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लंदन: क्रिकेट वेस्टइंडीज के मुख्य कार्यकारी जॉनी ग्रेव ने कहा है कि अगर कैरेबियाई खिलाड़ी कोरोना वायरस संकट के दौरान इंग्लैंड दौरे पर जाने के इच्छुक नहीं होते तो उन्हें ऐसा करने के लिये मजबूर नहीं किया जाएगा। वेस्टइंडीज की टीम को तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिये इंग्लैंड दौरे पर जाना है जिसे जुलाई तक स्थगित कर दिया गया है।

ग्रेव ने कहा कि कई खिलाड़ियों से इस बारे में विचार विमर्श किया गया और उनमें से किसी को भी दौरे के लिये बाध्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने बीबीसी रेडियो से कहा, ‘‘इस दौरे पर कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं होगा जिसे जबरदस्ती टीम में शामिल किया गया हो।’’

ग्रेव ने कहा, ‘‘अगर आप ऐसे देश में पले बढ़े हो जहां की जनसंख्या केवल 60,000 या 70,000 है तो उनके लिये ब्रिटेन में 30,000 लोगों की मौत बहुत बड़ी संख्या है।’’

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) खिलाड़ियों को अलग थलग रखने और उनके लिये पूरी तरह सुरक्षित वातावरण तैयार करने पर विचार कर रहा है। पूरी संभावना है कि मैच खाली स्टेडियमों में खेले जाएंगे। ग्रेव ने स्वीकार किया कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ी भिन्न भिन्न द्वीपीय देशों के रहने वाले हैं जहां वायरस के कारण अलग अलग तरह की पांबदियां हैं ऐसे में उन्हें एक जगह एकत्रित करना भी चुनौती होगी लेकिन यह असंभव नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी भी उत्साहित होंगे। हमने ईसीबी से कहा है कि हमें पहले टेस्ट मैच से पूर्व तैयारी के लिये चार सप्ताह चाहिए। हम लगातार तीन टेस्ट मैचों के आयोजन के लिये तैयार हैं।’’ 

कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में करीब 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अकेले ब्रिटेन में इससे 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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