पूर्व दक्षिण अफ्रीकी ओपनर और भारत की 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कोच रहे गैरी कर्स्टन ने कहा है कि उस टूर्नामेंट में भारत औसत क्रिकेट खेला था और क्वॉर्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था।
कर्स्टन ने आईसीसी से कहा, 'हम पूरे टूर्नामेंट में औसत खेले थे, हमने क्वॉर्टर फाइनल में काफी अच्छा खेला, जहां हम दबाव में थे। मेरे दिमाग में ये बात थी, मैंने सोचा था कि हम अच्छा नहीं खेल रहे हैं और जीत रहे हैं। सोचिए, जब हम अच्छा खेलें तो।'
भारत का मुकाबला वर्ल्ड कप 2011 में श्रीलंका से हुआ था। श्रीलंका ने माहेला जयवर्धने के शतक की मदद से 274/6 का स्कोर खड़ा किया था।
इसके जवाब में भारत सचिन और सहवाग के विकेट 31 रन पर गंवाकर संघर्ष कर रहा था, लेकिन गंभीर, कोहली और एमएस धोनी ने शानदार बैटिंग करते हुए भारत के लिए मंच तैयार कर दिया था और भारत ने ये मैच 6 विकेट से जीतते हुए 28 साल बाद वर्ल्ड कप अपनी झोली में डाल लिया था।
कर्स्टन का मानना है कि उस मैच में कड़ा मुकाबला हुआ था, लेकिन वह जानते थे कि टीम में अच्छे खिलाड़ी हैं, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
कर्स्टन ने खोला राज, धोनी क्यों आए बैटिंग क्रम में ऊपर
कर्स्टन ने फाइनल में धोनी के बैटिंग क्रम पर कहा, 'वहां एक विचार था...मुरलीधरन के खिलाफ दाएं हाथ-बाएं हाथ का कॉम्बिनेशन रखना। इसीलिए वह (धोनी) बैटिंग ऑर्डर में ऊपर जाने को उत्सुक थे। उन्होंने खिड़की खटखटाई और कहा, अगले नंबर पर मैं जाना चाहता हूं और मैं उसके लिए अच्छा होऊंगा। मैं ना नहीं कहने वाला था।'
कर्स्टन ने फाइनल पर कहा, 'ये काफी कड़ा मुकाबला था। हमने गेंदबाजी की थी-(274) सच में फाइनल में प्रतिस्पर्धात्मक स्कोर था। (मैंने सोच) ये टीम बैटिंग परिप्रेक्ष्य से इसे करने में सक्षम थी। मेरे लिए ये ऐसा था...ठीक है हम कुछ विकेट खो सकते हैं, लेकिन हमारे पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं। एकदम यही हुआ।'
कर्स्टन ने कहा, 'हमारे पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं। कोई शतक बनाएगा, और अंत में गौतम गंभीर ने (97 रन) बनाया। वह हमारी बैटिंग का आधार थे। हमारे पास महान खिलाड़ी थे।'
गैरी कर्स्टन वर्तमान में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कोचिंग कर रहे हैं।