अजीत वाडेकर ने कुंबले-अजहरूद्दीन के करियर को दिया था नया मोड़, सचिन पर भी रहा गहरा प्रभाव

भारत को 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत दिलाने वाले वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को मुंबई में 77 साल की उम्र में निधन हो गया।

By भाषा | Published: August 16, 2018 11:09 AM2018-08-16T11:09:24+5:302018-08-16T11:09:24+5:30

We have lost a father figure, says Anil Kumble and Mohammad Azharuddin on Ajit Wadekar death | अजीत वाडेकर ने कुंबले-अजहरूद्दीन के करियर को दिया था नया मोड़, सचिन पर भी रहा गहरा प्रभाव

मोहम्मद अजहरूद्दीन के साथ अजीत वाडेकर (R)

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नई दिल्ली, 16 अगस्त। मोहम्मद अजहरूद्दीन और अनिल कुंबले के करियर को उनके मैनेजर रहते संजीवनी मिली थी और उन्हीं 'पितातुल्य' अजित वाडेकर को खोने पर उन्होंने दुख जताया है, जबकि सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारत के पूर्व कप्तान का उन पर गहरा प्रभाव था। भारत को 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत दिलाने वाले वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को मुंबई में 77 साल की उम्र में निधन हो गया।

तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, 'अजित वाडेकर सर के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं। नब्बे के दशक में हमसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई। उनकी सलाह और मार्गदर्शन के लिए हम सदैव उनके आभारी रहेंगे। उनके परिवार को ईश्वर यह दुख सहन करने की शक्ति दे।'


अजीत वाडेकर टीम इंडिया के मैनेजर रहते हुए सचिन तेंदुलकर को सलामी बल्लेबाज बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। वाडेकर के कार्यकाल में ही अजहर के करियर को 1993 से 1996 के बीच नया जीवन मिला। इससे पहले न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हारकर वह खराब दौर से जूझ रहे थे।

अजहर ने ट्वीट किया, 'महान इंसान। उनके निधन से काफी दुखी हूं। सर मेरे लिए पितातुल्य थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। परिवार को मेरी संवेदनाएं।'


इंग्लैंड के 1990 दौरे के बाद टीम से बाहर किए गए कुंबले के लिए तो वाडेकर फरिश्ते से कम नहीं थे। उनकी वापसी दक्षिण अफ्रीका के 1992-93 के दौरे पर हुई जब वाडेकर मैनेजर बने। इसके बाद 2008 में संन्यास तक कभी भी किसी भी मैच से उन्हें बाहर नहीं किया गया।

कुंबले ने लिखा, 'अजित वाडेकर के निधन से काफी दुखी हूं। वह पूरी टीम के लिए कोच से बढ़कर थे। पिता के समान और चतुर रणनीतिकार। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी कमी खलेगी। मेरी क्षमता में विश्वास जताने के लिए आपका शुक्रिया सर।'


संजय मांजरेकर ने मुंबई में शिवाजी पार्क जिमखाना में चैरिटी मैच के लिए क्रिकेट जर्सी पहने वाडेकर की तस्वीर डाली है। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट पर अजित वाडेकर का गहरा प्रभाव है। उनके समकालीन उनकी पूजा करते थे। उनका ऐसा व्यक्तित्व था। कोच के रूप में वह काफी सख्त थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। 

महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने कहा कि अजित वाडेकर के निधन की खबर काफी दुखद है। लगातार तीन श्रृंखलाएं जीतने वाले अकेले भारतीय कप्तान। हमारे बीच मतभेद रहते थे, लेकिन उस महान बल्लेबाज के लिए हमेशा सम्मान रहा। भारतीय क्रिकेट की खिलाड़ी, चयनकर्ता और कोच के रूप में उन्होंने अपार सेवा की। आरआईपी जीतू।

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