ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़े शॉट लगाने के क्यों बचते रहे विराट कोहली, अब किया खुलासा

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच के आखिरी ओवरों में कोहली मिशेल स्टार्क पर दो छक्के लगाने के अलावा एक और दो रन दौड़ कर खुश थे।

By भाषा | Published: June 11, 2019 12:34 PM2019-06-11T12:34:17+5:302019-06-11T12:34:17+5:30

Virat Kohli reveals tactics discussed with Hardik Pandya during India vs Australia Match | ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़े शॉट लगाने के क्यों बचते रहे विराट कोहली, अब किया खुलासा

हार्दिक पंड्या की मौजूदगी में कोहली सहायक की भूमिका में नजर आए।

googleNewsNext
Highlightsभारत ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराकर वर्ल्ड की दूसरी जीत दर्ज की थी।ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के मैच में उन्होंने 77 गेंद में 82 रन की पारी खेली।कोहली ने अपनी पारी में 4 चौके और दो छक्के लगाए, लेकिन ज्यादातर बड़े शॉट से बचते रहे।

नाटिंघम, 11 जून। विराट कोहली बल्लेबाजी करते समय आसानी से आक्रामक रूख अख्तियार कर सकते हैं लेकिन भारतीय कप्तान को लगता है कि हार्दिक पंड्या जैसे बड़े शॉट खेलने वाले एक खिलाड़ी की उपस्थिति से उन्हें कई बार सहायक की भूमिका निभाने का मौका मिलता है। ऐसा कम ही होता है जब कोहली के आखिरी के ओवरों में क्रीज पर रहने के बाद भी उनके गेंद और रन का अंतर ज्यादा ना हो।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के मैच में उन्होंने 77 गेंद में 82 रन की पारी खेली जिसमें चार चौके और दो छक्के शामिल थे। आखिरी ओवरों में कोहली मिशेल स्टार्क पर दो छक्के लगाने के अलावा एक और दो रन दौड़ कर खुश थे जबकि पंड्या दूसरे छोर से आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे। पंड्या ने 25 गेंद में 48 रन बनाये।

कोहली से जब पूछा गया कि क्या वह आक्रामक बल्लेबाजी के बारे में सोच रहे थे तो उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अर्धशतक पूरा किया तब मेरे दिमाग में यह ख्याल आया था। मैंने पंड्या से बात कि और उसने कहा, मुझे जोखिम उठाने की जरूरत नहीं।’’ पंड्या ने भारतीय कप्तान को सुझाव दिया कि वह सहायक की भूमिका निभाये क्योंकि उनकी (कोहली की) मौजूदगी से उन्हें आक्रामक खेल की ज्यादा आजादी मिलती है।

कोहली ने कहा, ‘‘हार्दिक ने कहा कि अगर वह (कोहली) एक छोर पर हैं तो उसे अपना खेल खेलने की आजादी मिलेगी। इसलिए मुझे एक छोर संभालने की जिम्मेदारी लेनी थी, लेकिन मैं भी लय को बरकरार रखना चाहता था।’’

उन्होंने कहा कि बड़े शॉट नहीं खेलने का एक और कारण था कि आखिरी ओवरों में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। कोहली ने कहा, ‘‘ आखिरी के पांच, छह ओवरों में मुझे लगाता है कि मैंने सिर्फ छह गेंद का सामना किया। ऐसा भी हुआ जब तीन ओवरों में मुझे सिर्फ एक गेंद खेलने को मिली और उस पर भी मैंने एक रन लिया। एक बल्लेबाज के तौर पर आप तुरंत लय हासिल नहीं कर सकते। एक दिवसीय मैचों में ये आम बात है।’’

कप्तान को ऐसी स्थिति में सहायक की भूमिका निभाने में कोई समस्या नहीं होती जब दूसरे छोर से कोई आक्रामक बल्लेबाजी करता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हार्दिक और एमएस (धोनी) जैसे लोग खेलते हैं, मुझे सिर्फ अपना काम करने और एक रन लेकर दूसरे छोर पर जाने में कोई समस्या नहीं है। कभी आपको भी बड़ा शॉट खेलने का मौका मिलेगा।’’ कोहली ने अपनी खेल योजना को समझाते हुए कहा, ‘‘अगर कुछ खिलाड़ी अच्छे स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे हैं तो आप सहायक की भूमिका में खेल का नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं। अगर हम उस समय पांच विकेट गंवा देते तो शायद 20 रन कम बनाते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हार्दिक ने मुझसे कहा था अगर मैं एक छोर पर रहूं तो वह दूसरे छोर से खुल कर बल्लेबाज कर सकते हैं। वह 200 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करना चाहता था और उनके बाद धोनी ने इस भूमिका को शानदार तरीके से निभाया।’’

Open in app