Highlightsधोनी के संन्यास की चर्चा वर्ल्ड कप के बाद से ही तेज है, लेकिन अभी उनका संन्यास लेने का प्लान नहीं है।हालांकि धोनी वर्ल्ड कप के दौरान ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था।धोनी ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के कहने पर अपने संन्यास का प्लान बदल लिया।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर-बल्लेबाज एमएस धोनी के संन्यास की चर्चा वर्ल्ड कप के बाद से ही तेज है। हालांकि धोनी ने खुद को वेस्टइंडीज दौरे से दूर रखते हुए आर्मी ट्रेनिंग लेने का फैसला किया और उनके मैनेजर ने खुलासा किया कि फिलहाल धोनी का संन्यास लेने का कोई प्लान नहीं है।
अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एमएस धोनी आईसीसी वर्ल्ड कप के दौरान ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था, लेकिन टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के कहने पर उन्होंने अपना प्लान बदल लिया। क्योंकि विराट कोहली नहीं चाहते हैं कि अभी धोनी उनका साथ छोड़े।
डीएनए ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कप्तान कोहली की सलाह पर धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से तुरंत संन्यास लेने का फैसला टाल दिया। रिपोर्ट में कप्तान से जुड़े सूत्रो के हवाले से बताया गया है कि विराट कोहली को लगता है कि धोनी के साथ फिटनेस का कोई मुद्दा नहीं है और अगर टीम को जरूरत पड़ी तो वह अगले साल टी-20 वर्ल्ड कप तक खेल सकते हैं।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि धोनी ने वर्ल्ड कप के दौरान संन्यास को लेकर टीम के कुछ साथी खिलाड़ियों से चर्चा की थी। इतना ही नहीं उन्होंने अपने संन्यास के फैसले की जानकारी आईपीएल में उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को भी थी।
धोनी का संन्यास टाले जाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि भारतीय टीम में ऋषभ पंत को शामिल करने के बाद टीम में किसी दूसरे विकेटकीपर को रखने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है। ऐसे में अगर ऋषभ को चोटिल हो जाते हैं या फॉर्म में नहीं रहते हैं तो धोनी आसानी से यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार अब सेलेक्टर्स ने दिनेश कार्तिक को टीम में नहीं रखना चाहते हैं। ऐसे में 24 वर्षीय संजू सैमसन और 21 वर्षीय ईशान किशन के अलावा रिद्धिमान साहा विकल्प बचते हैं। हालांकि किसी बड़े टूर्नामेंट में कोई धोनी के अनुभव की बराबरी नहीं कर सकता।
सूत्रो ने कहा, 'टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन 18 अक्टूबर से 15 नवंबर 2020 तक ऑस्ट्रेलिया में होने वाला है, जो अगले आईपीएल से केवल चार महीने बाद होगा। अगर टीम प्रबंधन को लगता है कि धोनी की सेवाओं की आवश्यकता है, तो क्यों नहीं उन्हें उस समय तक टीम के साथ जोड़ा जाए।'