टेस्ट क्रिकेट को लेकर चिंतित हैं सचिन तेंदुलकर, कहा- अब इस कारण खत्म हो गई है दिलचस्पी

तेंदुलकर बनाम ग्लेन मैकग्रा या वसीम अकरम के बीच मुकाबला भी आकर्षण का केंद्र रहता था।

By भाषा | Published: November 14, 2019 05:55 PM2019-11-14T17:55:11+5:302019-11-14T17:55:11+5:30

Very few world class bowlers in Test cricket now, says Sachin Tendulkar | टेस्ट क्रिकेट को लेकर चिंतित हैं सचिन तेंदुलकर, कहा- अब इस कारण खत्म हो गई है दिलचस्पी

टेस्ट क्रिकेट को लेकर चिंतित हैं सचिन तेंदुलकर, कहा- अब इस कारण खत्म हो गई है दिलचस्पी

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Highlightsमहान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर खेल के पारंपरिक प्रारूप को लेकर चिंतित हैं।टेस्ट क्रिकेट को दिलचस्पी पहले बनी रहती थी, अब वह समाप्त हो गयी है।

महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर खेल के पारंपरिक प्रारूप को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट को लेकर जो दिलचस्पी पहले बनी रहती थी, अब वह समाप्त हो गयी है। सत्तर और अस्सी के दशक में सुनील गावस्कर बनाम एंडी रोबर्ट्स, डेनिस लिली या इमरान खान के बीच गेंद और बल्ले की भिड़ंत देखने का इंतजार रहता था।

इसी तरह तेंदुलकर बनाम ग्लेन मैकग्रा या वसीम अकरम के बीच मुकाबला भी आकर्षण का केंद्र रहता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, तेंदुलकर को ऐसा ही लगता है जिन्होंने अपने 24 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 200 टेस्ट मैच खेले हैं।

इस भारतीय क्रिकेटर ने अपने पदार्पण (15 नवंबर 1989) के बाद से पिछले 30 वर्षों में क्रिकेट में हो रहे बदलाव का आकलन करते हुए कहा, ‘‘लोग जो प्रतिद्वंद्विता देखना चाहते थे, वह अब नहीं रही है क्योंकि इस समय विश्व स्तरीय तेज गेंदबाजों की बहुत कमी है। मुझे लगता है कि इस चीज की कमी अखरती है। इसमें कोई शक नहीं कि तेज गेंदबाजों का स्तर बेहतर किया जा सकता है।’’

टेस्ट क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा केवल तीन देशों (भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) तक ही सीमित है तो इस बारे के बारे में पूछने पर वह भी इससे सहमत थे। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट का स्तर नीचे गिरा है जो टेस्ट क्रिकेट के लिये अच्छी खबर नहीं है। क्रिकेट का स्तर ऊपर होने की जरूरत है और इसके लिये मैं फिर कहूंगा कि सबसे अहम चीज है खेलने वाली पिचें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जो पिचें मुहैया करायी जाती हैं, इसका भी इससे लेना देना है। अगर हम अच्छी पिचें मुहैया करायें जहां तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को भी मदद मिले तो गेंद और बल्ले में संतुलन बरकरार रहेगा।’’ तेंदुलकर ने कहा, ‘‘अगर संतुलन की कमी है तो मुकाबला कमजोर हो जायेगा और यह आकर्षक नहीं रहेगा। टेस्ट क्रिकेट में अच्छे विकेट होने चाहिए।’’

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