3 रुपये के लिए क्रिकेटर बने थे अजीत वाडेकर, विदेश में भारत को पहली बार सीरीज में दिलाई थी जीत

Ajit Wadekar: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार की रात मुंबई को जसलोक अस्पताल में 77 साल की उम्र में निधन हो गया।

By सुमित राय | Published: August 16, 2018 09:35 AM2018-08-16T09:35:08+5:302018-08-16T09:35:08+5:30

Team India legendary captain Ajit Wadekar passes away at age of 77 year in Mumbai | 3 रुपये के लिए क्रिकेटर बने थे अजीत वाडेकर, विदेश में भारत को पहली बार सीरीज में दिलाई थी जीत

अजीत वाडेकर का मुंबई को जसलोक अस्पताल में 77 साल की उम्र में हुआ निधन

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मुंबई, 16 अगस्त। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार की रात मुंबई को जसलोक अस्पताल में 77 साल की उम्र में निधन हो गया। अजीत वाडेकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीसीसीआई के अलावा देश-दुनिया के शोक व्यक्त की। अजीत वाडेकर ने 8 साल के क्रिकेट करियर में खेले 37 टेस्ट मैचों में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से कुल 2113 रन बनाए थे। क्रिकेट में बेहतरीन योगदान के लिए सरकार ने उन्हें 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।

विदेश में दिलाई पहली सीरीज जीत

अजीत वाडेकर भारतीय टीम को विदेशों में सीरीज जीत दिलाने वाले पहले कप्तान थे। साल 1971 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी और उसे वहां पांच टेस्ट मैच खेलने थे। पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने दिलीप सरदेसाई के दोहरे शतक के बाद वेस्टइंडीज को फॉलोऑन दिया, लेकिन यह मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ। दूसरे टेस्ट में भारत ने सरदेसाई के शतक की मदद से वेस्टइंडीज को सात विकेट से हरा दिया। इसके बाद अगले तीन टेस्ट ड्रॉ रहे और भारतीय टीम ने पांच मैचों की सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया।


इंग्लैंड में टीम इंडिया को दिलाई जीत

इसके बाद भारतीय टीम अजीत वाडेकर की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई और वहां भी उन्होंने भारतीय टीम को सीरीज में जीत दिलाई। वेस्टइंडीज दौरे के बाद भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी। पहले दो मैच ड्रॉ पर खत्म हुए, लेकिन तीसरे टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड को हराकर तीन मैचों की सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया।


तीन रुपये के लिए बने क्रिकेटर

अजीत वाडेकर का सपना क्रिकेटर बनने का था, लेकिन वो सिर्फ तीन रुपये के लिए क्रिकेटर बन गए। उनके सीनियर और पड़ोसी बालू गुप्ते कॉलेज की क्रिकेट टीम में थे। एक बार दोनों बस से कॉलेज जा रहे थे तो बालू ने अजीत से पूछा कि क्या आप कॉलेज की टीम में 12वें खिलाड़ी बनेंगे? इसके लिए आपको तीन रुपए मैच फीस मिलेगी। इसके बाद अजीत वाडेकर ने इस ऑफर के मान लिया, क्योंकि उस समय में तीन रुपये बहुत बड़ी रकम होती थी।

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