नई दिल्ली, 11 जुलाई। तमिलनाडु क्रिकेट संघ को तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के बुधवार को दिए आदेश के मुताबिक तमिलनाडु प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट में अन्य क्रिकेट संघों में पंजीकृत खिलाड़ियों को खेलने की इजाजत नहीं होगी।
टीएनपीएल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने दलील दी कि संबंधित क्रिकेट संघों से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर बाहरी खिलाड़ियों को इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लेने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं और हर टीम को राज्य से बाहर के दो खिलाड़ियों को शामिल करने की अनुमति है।
कोर्ट ने टीएनपीएल की दलीलों का मानने से इनकार कर दिया और कहा कि टूर्नामेंट के लिए बाहरी खिलाड़ियों के खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि तमिलनाडु प्रीमियर लीग के मैच निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक ही जारी रहेंगे, क्योंकि प्रशासकों की समिति (सीओए) उन्हें पहले ही मंजूरी दे चुकी थी। यह समिति भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का प्रशासन संभालती है।
सीओए की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने इन दलीलों का विरोध किया और कहा कि बीसीसीआई के संविधान के मसौदे को ध्यान में रखते हुए इसकी अनुमति नहीं दी गई। साथ ही उन्होंने कहा कि 2009 से कोई भी बाहरी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहा है।
बता दें कि आईपीएल की तर्ज पर तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) का आयोजन तमिलनाडु क्रिकेट संघ द्वारा किया जाता है। इस टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं और हर टीम को 20 खिलाड़ियों का पूल रखने की इजाजत है।