नई दिल्ली, 16 मई: सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रह्मणियम ने लोढ़ा समिति के प्रस्तावों को लागू करने पर बीसीसीआई द्वारा अपनी याचिका में जताए गए लगभग सभी ऐतराजों को दरकिनार कर दिया है। हालांकि, एमिकस क्यूरी ने बीसीसीआई की चयन समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर अपनी सहमति जताई है।
वेबसाइट क्रिकबज के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रह्मणियम का मानना है कि बीसीसीआई की चयन समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे अपने खत में कहा है, 'जहां तक चयनकर्ताओं की संख्या की बात है तो एमिकस कहना चाहता है कि मौजूदा चयनकर्ताओं की संख्या को तीन से बढ़ाकर जरूरत के मुताबिक 5 किया जा सकता है।' (और पढ़ें- IPL 2018: धोनी ने रैना की बेटी के लिए गाया 'हैपी बर्थडे' सॉन्ग, वीडियो हुआ वायरल)
एमिकस क्यूरी ने इस पर भी सहमति जताई कि अपवाद के तौर पर रेलवे को पूर्ण सदस्यता दी जा सकती है। सुब्रह्मणियम ने कहा, 'महिला क्रिकेट टीम में करीब 90 फीसदी खिलाड़ी रेलवे से हैं, जो भारत के लिए राष्ट्रीय टीम में खेलते हैं। इसलिए सवाल उठता है कि क्या रेलवे को पूर्ण सदस्यता मिलनी चाहिए। रेलवे से आने वाले खिलाड़ियों के रोजगार की सुरक्षा के लिहाज से और भारतीय क्रिकेट में महिला क्रिकेट के सम्मान के हिसाब से भी यह जरूरी लगता है कि इसे अपवाद के तौर पर माना जाना चाहिए।'
वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रह्मणियम ने यह भी कहा कि रेलवे के प्रतिनिधियों को पूर्व क्रिकेटर होना चाहिए न कि वे सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने चाहिए। सुब्रह्मणियम के अनुसार सर्विसेस, इंडियन यूनिवर्सिटीज, नेशनल क्रिकेट क्लब और क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया पूर्ण सदस्यता की योग्यता नहीं रखते हैं। (और पढ़ें- सचिन के साथ खेल चुके इस तूफानी बल्लेबाज ने लिया संन्यास, जड़ा था 130 मीटर लंबा छक्का)