युवराज सिंह का खुलासा, '2014 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में हार के बाद मेरे घर पर फेंके गए थे पत्थर'

Yuvraj Singh: पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने कहा कि 2014 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की हार के बाद मुझे विलेन बना दिया गया था और मेरे घर पर पत्थर फेंके गए थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 13, 2020 03:13 PM2020-05-13T15:13:12+5:302020-05-13T15:13:12+5:30

Stones were thrown at my house: Yuvraj Singh recalls 2014 T20 World Cup final vs Sri Lanka | युवराज सिंह का खुलासा, '2014 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में हार के बाद मेरे घर पर फेंके गए थे पत्थर'

युवराज सिंह ने 19 साल लंबे इंटरनेशनल करियर के बाद 2019 में संन्यास ले लिया था (File Photo)

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Highlightsमैंने अपना भारत का कैप छह छक्के वाले बैट पर रखा और मैंने सोचा मेरा करियर खत्म हो गया: युवराजमुझे एक दोषी जैसा महसूस हुआ, जैसे किसी ने किसी को मार दिया हो: युवराज

युवराज सिंह को 2007 और 2011 वर्ल्ड कप का हीरो माना जाता है, जिन्होंने ये दोनों टूर्नामेंट जिताने में अहम योगदान दिया था। ये बाएं हाथ का बल्लेबाज इन दोनों वर्ल्ड कप में मैन ऑफ टूर्नामेंट रहा था। 

ऐसे में जब युवराज ने 2014 के टी20 वर्ल्ड कप में वापसी की थी तो उन्होंने काफी उम्मीदें थीं। फैंस को उम्मीद थी की युवराज अपना पुराना आक्रामक अंदाज दिखाते हुए भारत को एक और वर्ल्ड कप जिताएंगे।

2014 टी20 वर्ल्ड कप में भारत की हार के बाद फैंस के निशाने पर थे युवराज 

लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और युवराज पूरे टूर्नामेंट के दौरान संघर्ष करते रहे। युवराज ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया उन्हें लगा था कि 2014 वर्ल्ड टी20 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ मैच के बाद उनका करियर खत्म हो गया था, जहां उनकी धीमी पारी के लिए उन्हें निशाना बनाया गया था। 

युवराज फाइनल में 21 गेंदों में 11 रन ही बना सके थे और पहले खेलने उतरी भारतीय टीम 20 ओवर में 130/4 का स्कोर ही बना पाई, और उसे श्रीलंका से 6 विकेट से शिकस्त मिली।

इसके बाद 2011 वर्ल्ड कप हीरो की मीडिया और फैंस द्वारा कड़ी आलोचना की गई और इस 38 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उन्हें एक विलेन जैसा महसूस हुआ जिसने किसी को मार दिया है।

युवराज ने कहा, 'ऐसा लगा जैसे मैंने किसी को मार दिया है'

स्पोर्टस्क्रीन यूट्यूब पेज से बातचीत में युवराज ने कहा, 'मैं हमेशा पूरी जिम्मेदारी (उस पारी) लेता हूं। मैं अच्छा नहीं खेला। दुर्भाग्य से वह वर्ल्ड कप फाइनल था। अगर ये कोई और मैच होता तो इतना आकलन नहीं होता। जब मैं घर वापस लौटा तो मुझे लगा कि जैसे मैं एक विलेन हूं। मुझे एयरपोर्ट से बाहर आना याद है, सौभाग्य से मेरे कान में हेडफोन लगा था...मुझ पर मीडिया ने जैसे हमला बोल दिया हो और वे सच में मुझ पर चिल्ला रहे थे।'

युवराज ने कहा, 'मेरे घर पर फेंके गए थे पत्थर'

युवराज ने कहा, 'हां मेरे घर में भी कुछ पत्थर थे। मुझे एक दोषी जैसा महसूस हुआ, जैसे किसी ने किसी को मार दिया हो और जेल जा रहा हो। मैंने इससे वापसी की। मुझ अब भी याद है कि मुझे उस पल कैसा लगा था।'

युवी ने कहा, 'मेरे चंडीगढ़ के घर पर पत्थर फेंके गए थे, जब मैं घर आया, मैंने अपना इंडिया कैप और वह बैट देखा जिससे छह छक्के मारे थे, और मुझे लगा कि मेरा समय खत्म हो गया।'

भारत के लिए 40 टेस्ट, '304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल खेलकर रिटायर होने वाले युवराज ने कहा, मुझे याद है कि सचिन ने उस दिन ट्वीट किया था और लोग समझ गए थे। मैं घर गया और मैंने याद किया कि मैंने छह छक्के (2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ) मारे थे। मैंने अपना भारत का कैप छह छक्के वाले बैट पर रखा और मैंने सोचा मेरा करियर खत्म हो गया है।' 

मैं किंग्स इलेवन पंजाब छोड़ना चाहता था: युवराज

आईपीएल में कई फ्रेंचाइजी के लिए खेल चुके युवराज सिंह का ने कहा कि किंग्स इलेवन पंजाब के में उनका वक्त मुश्किल था और वह फ्रेंचाइजी से भाग जाना चाहते थे। 

युवराज ने कहा, 'एक जगह जहां से मैं भाग जाना चाहता था वह थी किंग्स इलेवन पंजाब। हर बार जो खिलाड़ी मैं चाहता था, उन्होंने नहीं दिया। ये शानदार था कि जब मैंने छोड़ा तो उन्होंने वही खिलाड़ी खरीदे। मैं नाम के लिए कप्तान था। मुधे पंजाब के लिए खेलना पसंद था लेकिन मैं उस फ्रेंचाइजी से दूर जाना चाहता था।'

युवराज ने कहा, 'मुझे एक फ्रेंचाइजी के लिए 3-4 साल खेलने का मौका नहीं मिला। विराट, धोनी रोहित जैसे खिलाड़ी एक फ्रेंचाइजी के लिए कई साल खेले हैं। आपका बेस बन जाता है। मैं सेटल नहीं हो पाया।'

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