बैन झेल रहे श्रीसंत का खुलासा, बताया क्यों कबूल की थी स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात

Sreesanth: आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग में बैन झेल रहे पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि उन्होंने क्यों स्पॉट फिक्सिंग में अपने शामिल होने की बात स्वीकारी थी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 31, 2019 12:24 PM2019-01-31T12:24:10+5:302019-01-31T12:24:10+5:30

Sreesanth reveals why he made confession about his involvement in 2013 IPL spot fixing | बैन झेल रहे श्रीसंत का खुलासा, बताया क्यों कबूल की थी स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात

श्रीसंत ने कहा है कि उन्हें पुलिस ने फिक्सिंग स्वीकारने के लिए धमकी दी थी

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बैन झेल रहे क्रिकेटर एस श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने स्पॉट फिक्सिंग में अपनी संलिप्तता की बात क्यों स्वीकार की थी। श्रीसंत को 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और बीसीसीआई ने उनके क्रिकेट खेलने पर आजीवन बैन लगा दिया था। 

श्रीसंत ने बैन हटाने की अपील के मामले की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उनके परिवार को फंसाने और यातना देने की धमकी दी थी, इसीलिए उन्होंने स्पॉट फिक्सिंग में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी।

श्रीसंत ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दी थी उन्हें धमकी

केरल हाई कोर्ट द्वारा उन पर बैन लगाने के फैसले को बरकरार रखने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले 35 वर्षीय श्रीसंत के वकील सलमान खुर्शीद ने कोर्ट को बताया, 'पुलिस ने धमकी दी थी कि जब तक मैं (श्रीसंत) इसे स्वीकार नहीं करता हूं, मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को फंसाया जाएगा और यातनाएं दी जाएंगी।'

वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में श्रीसंत के इस दावे के बाद कोर्ट ने पूछा कि आखिर क्यों उन्होंने ये बात तुरंत ही बीसीसीआई के संज्ञान में नहीं लाई कि 2013 आईपीएल के दौरान उन्हें स्पॉट फिक्सिंग की पेशकश की गई थी। 

सर्वोच्च न्यायालय ने भी पाया कि आजीवन बैन झेल रहे इस पूरे प्रकरण में श्रीसंत का आचरण 'अच्छा' नहीं था।  

2015 में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा स्पॉट फिक्सिंग से जुड़े आपराधिक मामले में बरी किए जाने वाले श्रीसंत ने, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच से कहा कि बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाया गया आजावीन बैन बेहद सख्त है और इस दावे की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है कि वह किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त थे।

कोर्ट द्वारा ये पूछे जाने पर कि आखिर क्यों श्रीसंत ने स्पॉट फिक्सिंग की बात तुरंत बीसीसीआई को नहीं बताई। खुर्शीद ने कहा कि श्रीसंत ऐसा करने में नाकाम रहे लेकिन ऐसा होने के बावजूद अधिकतम बैन पांच सालों तक का ही हो सकता है।

श्रीसंत के वकील ने दिया मोहम्मद अजहरुद्दीन के मामले का हवाला

खुर्शीद ने दुनिया भर के क्रिकेटरों को ऐसे मामलों में मिली सजा का उदाहरण देते हुए कहा कि सिर्फ पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए को छोड़कर, जिनकी 2002 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी, किसी पर भी आजीवन बैन नहीं लगाया गया था।

उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का उदाहरण भी दिया जिन पर 2000 में मैच फिक्सिंग में कथित संलिप्तता के लिए आजीवन बैन लगाया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था। 08 नवंबर 2012 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अजहरुद्दीन पर लगे आजीवन बैन को अवैध करार देते हुए इसे हटा दिया था।

श्रीसंत ने कोर्ट से अपील की, 'मेरी इच्छा मेरा सम्मान वापस पाने की है।' 'आखिरकार मैं अपना प्रोफेशनल करियर गंवा रहा हूं। कम से कम मुझे भारत से बाहर खेलने दें। हर साल मुझे खेलने के ऑफर मिल रहे हैं।'

श्रीसंत ने कहा, 'मुझे ऐसे अपराध के लिए आजीवन प्रतिबंध की सजा दी गई जो साबित ही नहीं हुआ।' उन्होंने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उस कथित फिक्सिंग के लिए श्रीसंत को 10 लाख रुपये मिले थे।

श्रीसंत समेत स्पॉट फिक्सिंग के करीब 36 आरोपियों को जुलाई 2015 में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपों से बरी कर दिया गया था। इनमें श्रीसंत के अलावा अंकित चव्हाण और अजित चंदीला भी शामिल थे। लेकिन बीसीसीआई ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के बावजूद श्रीसंत पर लगा बैन हटाने से इंकार कर दिया था।

इसके बाद केरल हाई कोर्ट के सिंगल-जज बेंच ने श्रीसंत पर लगे बीसीसीआई के बैन को हटा दिया था, लेकिन बीसीसीआई द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका के बाद दो केरल हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने इस बैन को पुन: बहाल कर दिया था।

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