आशीष नेहरा ने की सौरव गांगुली की कप्तानी की तारीफ, कहा, 'दादा अपने खिलाड़ियों के लिए किसी से भी लड़ सकते थे'

Ashish Nehra: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने भारत के सबसे बेहतरीन कप्तानों की चर्चा के दौरान गांगुली और धोनी को लेकर रोचक अंदाज में जवाब दिया

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 8, 2020 02:32 PM2020-05-08T14:32:45+5:302020-05-08T14:32:45+5:30

Sourav Ganguly would go to extent of fighting with selectors to back his players: Ashish Nehra | आशीष नेहरा ने की सौरव गांगुली की कप्तानी की तारीफ, कहा, 'दादा अपने खिलाड़ियों के लिए किसी से भी लड़ सकते थे'

आशीष नेहरा ने कहा कि गांगुली अपने खिलाड़ियों के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे (Pic: PTI)

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Highlightsदादा अपने खिलाड़ियों के लिए चयनकर्ताओं तक से लड़ सकते थे: आशीष नेहराधोनी ने जिस तरह से खुद को और टीम को संभाला उसके लिए आपको उनकी सराहना करनी होगी: नेहरा

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का इंटरनेशनल करियर दो दशक लंबा रहा। अपने दो दशक लंबे करियर में नेहरा दो बार आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचे, जिसमें भारतीय टीम 2003 में उपविजेता रही जबकि 2011 का खिताब जीता। 

दिल्ली का ये बाएं हाथ का करियर लगातार चोटों की वजह से अपनी क्षमता को पूरी तरह साबित नहीं कर पाया। नेहरा अपने करियर में कई कप्तानों के नेतृत्व में खेले। 

आकाश चोपड़ा के शो आकाशवाणी में ये पूछे जाने पर कि वह जिन कप्तानों के नेतृत्व में खेले उनमें से सर्वश्रेष्ठ कौन था, नेहरा ने इस मुद्दे पर रोचक जवाब दिया।

नेहरा ने बताया गांगुली vs धोनी में कौन था बेहतर कप्तान?

नेहरा ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि हर कप्तान अलग होता है। मुझसे पहले भी ये सवाल मीडिया द्वारा कई बार पूछा गया है या जब मैं जब कमेंट्री करता हूं कि अब तक का बेस्ट भारतीय कप्तान कौन है, क्या ये सौरव गांगुली हैं या एमएस धोनी?'  

नेहरा ने कहा, 'मैं उनसे कहता हूं कि भारत 2000 के पहले भी क्रिकेट खेला और उस समय कपिल देव, सुनील गावस्कर, वेकेंटराघवन और अजीत वाडेकर जैसे कप्तान भी थे। हम वर्तमान में जीते हैं और अतीत भूल जाते हैं। अगर आप मोहिंदर अमरनाथ या मदन लाल से पूछेंगे, तो वे या तो कपिल देव या सुनील गावस्कर का नाम लेंगे। अगर आप सनी भाई (गावस्कर) से पूछेंगे तो वह अजीत वाडेकर का नाम लेंगे।'

नेहरा ने कहा, 'कोई भी मोहम्मद अजहरुद्दीन के बारे में बात नहीं करता है। उन्होंने तीन वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी की है, जोकि सर्वाधिक है। इसलिए मुझे लगता है कि हर युग अलग है।' 

नेहरा सबसे ज्यादा गांगुली और धोनी की कप्तानी में खेले और उन्होंने दोनों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'जिनके नेतृत्व में मैं खेला उनमें से मैं केवल गांगुली और धोनी के बारे में बात कर सकता हूं क्योंकि एक खिलाड़ी के तौर पर बाकियों के नेतृत्व में ज्यादा नहीं खेला। दोनों जानते थे कि अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ कैसे निकालना है।'

नेहरा ने कहा, 'गांगुली के सामने नई टीम तैयार करने की चुनौती थी जबकि धोनी के पास गैरी कर्स्टन जैसा महान कोच था और उनके पास एक ऐसी टीम थी जो तैयार थी। उनकी चुनौती कई वरिष्ठ खिलाड़ियों का नेतृत्व करना थी'

गांगुली अपने खिलाड़ियों के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे: नेहरा

नेहरा ने कहा, 'दादा के बारे में अच्छी बात ये थी कि वह उन खिलाड़ियों की पहचान कर लेते थे जिनका उन्हें समर्थन करना होता था और उसके लिए चयनकर्ताओं से लड़ने की हद तक जा सकते थे और अध्यक्ष से भी उनके समर्थन के लिए बात कर लेते थे।'

वहीं धोनी के बारे में नेहरा ने कहा, 'धोनी बहुत सुलझे हुए कप्तान थे। वह जुनूनी नहीं थे और हमेशा शांत रहे। वह खिलाड़ियों को जितना मौका दे सकते थे, देते थे। उन्होंने कर्स्टन के साथ शानदार साझेदारी की। उनकी टीम में तेंदुलकर, द्रविड़, लक्ष्मण, सहवाग, युवराज और हरभजन जैसे खिलाड़ी थे। यहां तक कि 2007 के टी20 वर्ल्ड में उन्हें एक टीम का नेतृत्व करना था जिसमें सीनियर थे। जिस तरह से उन्होंने खुद को और टीम को संभाला उसके लिए आपको उनकी सराहना करनी होगी।'

आशीष नेहरा ने भारत के लिए सभी फॉर्मेट में कुल 164 इंटरनेशनल मैच खेले।

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