कोच पर सौरव गांगुली की दो टूक- 'क्रिकेट कप्तान का खेल है, पर्दे के पीछे रहे कोच'

सौरव गांगुली ने कहा कि पेशेवर जिंदगी में दबाव जरूरी है लेकिन बहुत ज्यादा दबाव अच्छा नहीं होता।

By विनीत कुमार | Published: September 25, 2018 12:39 PM2018-09-25T12:39:02+5:302018-09-25T12:51:42+5:30

sourav ganguly says cricket is captains game coach must take back seat | कोच पर सौरव गांगुली की दो टूक- 'क्रिकेट कप्तान का खेल है, पर्दे के पीछे रहे कोच'

सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली, 25 सितंबर: भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और कप्तान सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा फुटबॉल से बिल्कुल अलग क्रिकेट कप्तान का खेल है ऐसे में कोच को पर्दे के पीछे ही रहना चाहिए। भारत के सफलतम कप्तानों में शुमार रहे गांगुली ने कहा कि किसी भी कोच को ‘मानव प्रबंधन' में कुशल होना चाहिए।

गांगुली पुणे के सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) में अपनी पुस्तक - ‘ए सेंचुरी इज नॉट एनफ’ के लॉन्च के लिये यहां पहुंचे थे। वरिष्ठ खेल लेखक गौतम भट्टाचार्य इस किताब के सह लेखक हैं। 

इस मौके पर गांगुली ने भट्टाचार्य के साथ एक पैनल चर्चा में भी भाग लिया। भारत के लिए 113 टेस्ट मैच खेलने वाले गांगुली ने कोच के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कि कोच को 'मानव प्रबंधन' में दक्ष होना चाहिए लेकिन बहुत कम कोच में ऐसी काबिलियत है।

गांगुली ने कहा, 'यह फुटबॉल नहीं है। बहुत से मौजूदा कोच समझते हैं कि फुटबॉल टीम की तरह क्रिकेट टीम को भी चला सकते हैं लेकिन क्रिकेट कप्तान का खेल है और कोच को पर्दे के पीछे होना चाहिए और यही महत्वपूर्ण है।'

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने करियर में सबसे अच्छी सलाह क्या मिली, गांगुली ने कहा, 'यही कि कभी खुद कोच मत चुनो।' 

इस सवाल पर कि अगर मौका मिले तो गांगुली मौजूदा कोच रवि शास्त्री से क्या सवाल पूछेंगे, पूर्व खिलाड़ी ने कहा- 'टीम कौन चुनता है, रोहित शर्मा या फिर रवि शास्त्री।'

आईपीएल में भी कप्तानी कर चुके गांगुली ने कहा कि वे भाग्यशाली थे कि उन्हें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों का नेतृत्व करने का मौका मिला।

मौजूदा टीम में कई कई खिलाड़ी है जिनमें काफी प्रतिभा है लेकिन वे इसे लेकर पशोपेश में हैं कि अगले मैच में मौका मिलेगा या नहीं। इस बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा, 'कोहली को इस पर थोड़ा काम करने की जरूरत है। मैंने उनका साथ दिया था क्योंकि मैंने उन्हें करीब से देखा था कि वे दबाव में कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।'

गांगुली ने कहा कि पेशेवर जिंदगी में दबाव जरूरी है लेकिन बहुत ज्यादा दबाव अच्छा नहीं होता। ऑस्ट्रेलिया की टीम पर सवाल पर गांगुली ने कहा कि मौजूदा टीम पिछले 25-30 साल की सबसे कमजोर टीम है। 

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