श्रीकांत ने 'दादा' को जमकर सराहा, विदेश में जीत पर बोले- गांगुली में काबिलियत जन्मजात थी

पूर्व क्रिकेटर श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स 1 तमिल शो ‘क्रिकेट कनेक्टिड- आटाम थोडारूम’ में सौरव गांगुली की जमकर तारीफ की...

By भाषा | Published: June 20, 2020 05:35 PM2020-06-20T17:35:11+5:302020-06-20T17:35:11+5:30

Sourav Ganguly inspired India to win on foreign shores: Kris Srikkanth | श्रीकांत ने 'दादा' को जमकर सराहा, विदेश में जीत पर बोले- गांगुली में काबिलियत जन्मजात थी

पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इस वक्त बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं।

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Highlightsश्रीकांत को 1989 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था।श्रीकांत ने सौरव गांगुली का बताया जन्मजात नेतृत्वकर्ता।

पूर्व मुख्य चयनकर्ता के श्रीकांत ने सौरव गांगुली की तुलना वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड से करते हुए मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष को जन्मजात नेतृत्वकर्ता करार दिया, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को विदेशी सरजमीं पर जीत हासिल करने को प्रेरित किया।

श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स 1 तमिल शो ‘क्रिकेट कनेक्टिड- आटाम थोडारूम’ में कहा, ‘‘गांगुली काफी सक्रिय थे। वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की क्षमता रखते थे। जैसे 1976 में क्लाइव लायड ने वेस्टइंडीज टीम के लिये विजयी संयोजन बनाया था। सौरव ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया।’’

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘इसलिये गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी। उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया। गांगुली में यह काबिलियत जन्मजात थी।’’

<a href='https://www.lokmatnews.in/topics/sourav-ganguly/'>सौरव गांगुली</a> ने भारत के लिए पहला मैच साल 1992 में खेला था।
सौरव गांगुली ने भारत के लिए पहला मैच साल 1992 में खेला था।

वहीं इसी शो में पूर्व भारतीय स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने श्रीकांत की कप्तानी के तरीके की प्रशंसा की और उन्होंने कहा कि उनमें लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने की क्षमता थी। शिवरामकृष्णन ने कहा, ‘‘चीका (श्रीकांत) बहुत आक्रामक कप्तान थे। उन्होंने काफी नतीजे भी दिलाये। वह काफी सक्रिय थे।’’

गांगुली का वनडे में 183, जबकि टेस्ट में 239 सर्वोच्च स्कोर रहा है।
गांगुली का वनडे में 183, जबकि टेस्ट में 239 सर्वोच्च स्कोर रहा है।

श्रीकांत को 1989 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था और उन्हीं की कप्तानी में सचिन तेंदुलकर ने अपना पदार्पण किया था। वह 1990 में पाकिस्तान दौरे पर भी भारतीय टीम की कमान संभाले थे लेकिन बल्लेबाजी में असफलताओं के कारण वह टीम से बाहर हो गये।

शिवरामकृष्णन ने कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी ने चीका की कप्तानी में पदार्पण किया। चीका ने इतनी छोटी उम्र में सचिन तेंदुलकर को प्रोत्साहित किया जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा और वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बना। हमने कई प्रेरणादायी कप्तान देखे, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि चीका और कप्तानी कर सकते थे।’’

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