वर्ल्ड कप में लगी चोट के बाद धवन ने पहली बार पकड़ा बल्ला, अनोखे अंदाज में पूरा किया 'बॉटल कैप' चैलेंज

भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने पिछले महीने विश्व कप के दौरान अंगूठे में लगी चोट के बाद पहली बार बल्ला पकड़ा, लेकिन वह अब भी पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं।

By सुमित राय | Published: July 18, 2019 07:10 PM2019-07-18T19:10:38+5:302019-07-18T19:24:22+5:30

Shikhar Dhawan picks up bat for first time for Bottle Cap Challenge' post injury | वर्ल्ड कप में लगी चोट के बाद धवन ने पहली बार पकड़ा बल्ला, अनोखे अंदाज में पूरा किया 'बॉटल कैप' चैलेंज

वर्ल्ड कप में लगी चोट के बाद धवन ने पहली बार पकड़ा बल्ला, अनोखे अंदाज में पूरा किया 'बॉटल कैप' चैलेंज

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Highlightsशिखर धवन ने पिछले महीने विश्व कप के दौरान अंगूठे में लगी चोट के बाद पहली बार बल्ला पकड़ाधवन को युवराज ने ‘बॉटलकैपचैलेंज’ के लिए नामित किया जिसके बाद इस बल्लेबाज ने बल्ला पकड़ा।

भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने पिछले महीने विश्व कप के दौरान अंगूठे में लगी चोट के बाद पहली बार बल्ला पकड़ा, लेकिन वह अब भी पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं। धवन को पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने ‘बॉटलकैपचैलेंज’ के लिए नामित किया जिसके बाद इस बल्लेबाज ने बल्ला पकड़ा।

धवन के अलावा युवराज ने ब्रायन लारा, क्रिस गेल और सचिन तेंदुलकर को भी यह चुनौती दी। धवन ने क्लीप ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘युवी पाजी, यह मेरा ‘बॉटलकैपचैलेंज’ है। चोट के बाद मैं पहली बार बल्ला पकड़ रहा हूं। वापसी करना अच्छा लग रहा है।’’


‘बॉटलकैपचैलेंज’ इस समय सोशल मीडिया पर चल रहा है जिसमें चुनौती दिये जाने वाले को बोतल का ढक्कन हाथ लगाये बिना खोलना होता है। कई जानी मानी हस्तियों ने इसमें हिस्सा लिया है जिसमें क्रिकेटर भी शामिल हैं।

बता दें कि आईसीसी वर्ल्ड कप में 9 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में शिखर धवन के बाएं हाथ के अंगूठे में चोट लगी थी। इसके बावजूद उन्होंने शानदार 117 रनों की पारी खेली थी और टीम को जीत दिलाई थी। धवन ने इस दौरान ट्रीटमेंट लेने के बाद हाथ में दर्द और सूजन के साथ ही बैटिंग की थी।

हालांकि, जब अंगूठे में सूजन के बाद स्कैन कराया गया तो उसमें हेयरलाइन फ्रैक्चर पाया गया। इसके बाद धवन को तीन मैचों के लिए टीम से बाहर किया गया, लेकिन गुरुवार को टीम इंडिया की मेडिकल टीम ने उनकी चोट में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं पाया तो उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
(भाषा से इनपुट)

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