भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का बयान, लार पर बैन के बावजूद बल्लेबाजों के पक्ष में नहीं होगा मुकाबला

कोरोना के चलते गेंद पर लार का उपयोग बैन कर दिया गया है...

By भाषा | Published: June 15, 2020 08:31 AM2020-06-15T08:31:48+5:302020-06-15T08:31:48+5:30

Saliva Ban Storm in a Teacup, Bowlers Are Inventive Enough: Greg Chappell | भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का बयान, लार पर बैन के बावजूद बल्लेबाजों के पक्ष में नहीं होगा मुकाबला

ग्रेग चैपल टीम इंडिया के विवादित कोच रहे हैं।

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भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा कि लार पर प्रतिबंध के कारण मुकाबला ‘बहुत हद तक’ बल्लेबाजों के पक्ष में नहीं झुकेगा क्योंकि पसीने के इस्तेमाल से भी गेंद को चमकाने में मदद मिलती है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अंतरिम स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय के तहत गेंद पर लार के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। यह ऐसा कदम है जिसने बल्लेबाजों के हावी होने को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

फिलहाल के लिए गेंदबाज गेंद पर सिर्फ पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। कयास है कि यह लार जितना प्रभावी नहीं होगा। ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने ‘सिडनी मोर्निंग हेराल्ड’ से कहा, ‘‘अगर वे अपने माथे से पसीना पोंछ रहे हैं, तो वहां सनस्क्रीन लगी होगी। अगर वे लार के उपयोग के लिए कुछ चबा रहे होते हैं, इससे क्या होने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इसमें बड़ी बात क्या है। पसीना निकलना लार के बराबर होगा। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसमें अंतर नहीं देखता।’’

गेंद बनाने वाली कंपनी कूकाबुरा ने गेंदों को चमकाने के लिए वैक्स ऐप्लिकेटर विकसित किया है, लेकिन चैपल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘गेंदबाज नयी चीज खोजने में माहिर होते हैं। अगर उन्हें पसीना आता है तो गेंद की चमक बरकरार रहेगी। जब तक गेंद कठोर और खुरदुरी होगी तब तक गेंदबाज को मदद मिलती रहेगी।’’

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