Ranji Trophy: इस 29 वर्षीय गेंदबाज ने झटके 11 विकेट, पुजारा को 16 गेंदों में दो बार आउट कर विदर्भ को बनाया चैंपियन

Aditya Sarwate: विदर्भ के स्पिनर आदित्य सरवटे ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में सौराष्ट्र के खिलाफ 11 विकेट झटकते हुए अपनी टीम को बनाया चैंपियन

By अभिषेक पाण्डेय | Published: February 7, 2019 12:40 PM2019-02-07T12:40:48+5:302019-02-07T12:42:11+5:30

Ranji Trophy: Aditya Sarwate script Vidarbha Victory vs Saurashtra, gets Cheteshwar Pujara out twice | Ranji Trophy: इस 29 वर्षीय गेंदबाज ने झटके 11 विकेट, पुजारा को 16 गेंदों में दो बार आउट कर विदर्भ को बनाया चैंपियन

आदित्य सरवटे ने रणजी फाइनल में 11 विकेट झटकते हुए दिलाई विदर्भ को जीत

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विदर्भ ने सौराष्ट्र को 78 रन से हराकर लगातार दूसरे साल रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है। विदर्भ की इस जीत के हीरो रहे बाएं हाथ के स्पिनर 19 वर्षीय आदित्य सरवटे, जिन्होंने मैच में 11 विकेट झटकते हुए सौराष्ट्र की बैटिंग की कमर तोड़ दी। 

सरवटे ने मैच की पहली पारी में 98 रन देकर 5 विकेट झटकने के बाद दूसरी पारी में भी अपना कहर जारी रखा और 59 रन देकर 6 विकेट झटके। उनकी इस घातक गेंदबाजी के आगे गुरुवार को जीत के लिए मिले 206 रन के जवाब में सौराष्ट्र की टीम 127 रन बनाकर सिमट गया।  

सरवटे ने पुजारा को एक ही मैच की दोनों पारियों में किया आउट

आदित्य सरवटे की फाइनल में घातक गेंदबाजी की खास बात रही टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को दोनों पारियों में महज 15 गेंदों के अंदर दो बार आउट करना। 

पुजारा पहली पारी में 11 गेंदों में 1 रन बनाकर सरवटे की गेंद पर वसीम जाफर के हाथों कैच आउट हुए तो वहीं दूसरी पारी में तो सरवटे ने उन्हें बिना खाता खोले ही बोल्ड कर दिया। सरवटे ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दीवार की तरह डटकर बैटिंग करते हुए मैन ऑफ सीरीज का खिताब जीतने वाले चेतेश्वर पुजारा को महज 16 गेंदों में दो बार आउट करते हुए सबको हैरान कर दिया। 

एक रणजी सीजन में 50 विकेट झटकने वाले विदर्भ के पहले गेंदबाज

इसी मैच के दौरान सरवटे सौराष्ट्र के लिए पहली पारी में शतक जड़ने वाले स्नेल पटेल को आउट करते हुए एक रणजी सीजन में 50 विकेट लेने वाले विदर्भ के पहले गेंदबाज बने थे। ये कामयाबी दिखाती है कि आदित्य सरवटे ने इस सीजन में विदर्भ की खिताबी जीत में कितनी अहम भूमिका निभाई है।

न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बैटिंग में भी सरवटे ने अपना कमाल दिखाया। रोमांचक मुकाबले में जब विदर्भ की टीम दूसरी पारी में महज 200 रन पर सिमट गई तो सरवटे ने ही अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 49 रन की पारी खेली। विदर्भ ने पहली पारी में 312 रन बनाए, जिसके जवाब में सौराष्ट्र ने 307 रन बनाए। इसके बाद विदर्भ ने 200 रन बनाते हुए जीत के लिए 206 रन का लक्ष्य रखा, लेकिन सौराष्ट्र की टीम 127 रन पर सिमट गई।


आदित्य सरवटे के लिए आसान नहीं रहा क्रिकेट का सफर

आदित्य सरवटे के लिए ये कामयाबी आसान नहीं रही। 90 के दशक की शुरुआत में उनके पिता एक दुर्घटना की वजह से बिस्तर पर पहुंच गए। लेकिन 2015 में विदर्भ के लिए खेलने का मौका मिलने के बाद से सरवटे ने विदर्भ की कामयाबी में अहम योगदान दिया है।

इस रणजी सीजन में 53 विकेट झटकते हुए सरवटे सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं। अगर एलीट टीमों की बात करें तो सिर्फ सौराष्ट्र के धर्मेंद्र जडेजा ही उनसे आगे हैं।

अपना करियर बल्लेबाज के तौर पर शुरू करने वाले आदित्य सरवटे की गेंदबाजी प्रतिभा को खुद भारत के बेहतरीन स्पिनर रहे नरेंद्र हिरवानी ने पहचाना था। इसके बाद सरवटे की गेंदबाजी प्रतिभा हिरवानी की देखरेख में निखरी।

सरवटे के मेंटर रहे नरेंद्र हिरवानी ने टीओई से कहा, 'उनके पास बहुत धैर्य है। ये एक ऐसा गुण है जो आधुनिक क्रिकेटरों में नहीं है। वह सही क्षेत्र में गेंदबाजी करते रहते हैं और गतलियां करने का मौका बल्लेबाजों पर छोड़ देते हैं।'

रणजी में उनकी कामयाबी का राज खोलते हुए हिरवानी कहते हैं, 'जब आपको जिंदगी में चीजें देर से मिलती हैं, तो आप उनकी ज्यादा कद्र करते हैं। वह बहुत ज्यादा भूखे नजर आते हैं जो हमेशा अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहता है।'

आदित्य सरवटे ने सौराष्ट्र के खिलाफ फाइनल में 11 विकेट झटकते हुए नरेंद्र हिरवानी की बात सच कर दिखाई है।

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