अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लागू, अब रणजी में भी उठी डीआरएस की मांग

सम्मेलन के दौरान कप्तानों और कोच ने टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले रणजी ट्रॉफी मैचों के लिए उपलब्ध तकनीक पर डीआरएस लागू करने की अपील की गई।

By भाषा | Published: May 17, 2019 05:54 PM2019-05-17T17:54:55+5:302019-05-17T17:54:55+5:30

Ranji captains conclave: Introduction of DRS, dropping coin toss among suggestions made | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लागू, अब रणजी में भी उठी डीआरएस की मांग

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लागू, अब रणजी में भी उठी डीआरएस की मांग

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रणजी ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करना और सिक्का उछाल कर टॉस करने का प्रचलन समाप्त करना कुछ ऐसे सुझाव थे जो घरेलू टीमों के कप्तानों और कोच ने शुक्रवार को समाप्त हुए सम्मेलन में रखे गए थे। इसका आयोजन बीसीसीआई ने किया था। डीआरएस को अभी तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक सीमित रखा गया है लेकिन पिछले रणजी सत्र में अंपायरों के कई गलत फैसलों के बाद इसे घरेलू स्तर पर लागू करने की मांग उठ रही है।

सम्मेलन के दौरान कप्तानों और कोच ने टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले रणजी ट्रॉफी मैचों के लिए उपलब्ध तकनीक पर डीआरएस लागू करने की अपील की। पिछले सत्र में सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच रणजी ट्राफी सेमीफाइनल अंपायरों की गलती के कारण चर्चा में रहा था। दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को नाबाद दिया गया था, जबकि गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गई थी।

इसके बाद पुजारा के शतक ने मैच का नक्शा पलट दिया था। इसके अलावा टॉस के समय सिक्का उछालने का प्रचलन भी समाप्त करने तथा मेहमान टीम को बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला करने की छूट देने की मांग भी की गयी। कप्तानों और कोच ने दिलीप ट्राफी और ईरानी ट्राफी की प्रासंगिकता पर भी बात की।

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