दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रहने वाली विराट कोहली की टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आखिरकार वो कमाल कर दिखाया, जो इससे पहले पिछले 71 सालों में कोई भारतीय टीम नहीं कर पाई थी।
भारत ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 से जीतते हुए नया इतिहास रच दिया। इसके बाद जनवरी 2019 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-1 से मात देते हुए ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली द्विपक्षीय वनडे सीरीज पर कब्जा जमाया। इस दौरे पर टीम इंडिया एक भी सीरीज नहीं हारी और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज जीतने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई।
ऑस्ट्रेलिया दौरा शुरू होने से पहले सबकी नजरें कप्तान विराट कोहली पर थीं, लेकिन ये दौरा खत्म होने तक टीम इंडिया के कई और खिलाड़ियों ने भी अपना जलवा बिखेरा और इस दौरे की सबसे खूबसूरत यादों में से एक बन गए। आइए नजर डालते हैं इस दौरे पर यादगार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर।
1. चेतेश्वर पुजारा ने 'नई दीवार' बन दिलाई राहुल द्रविड़ की याद
भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत में चेतेश्वर पुजारा सबसे बड़े स्टार साबित हुए। जब भी भारत को बैटिंग में उनकी जरूरत पड़ी, उन्होंने दिखाया कि क्यों वह टेस्ट क्रिकेट के सबसे लाजवाब बल्लेबाजों में से एक हैं। पुजारा ने चार टेस्ट मैचों की सात पारियों में तीन शतकों की मदद से 521 रन बनाए।
पुजारा ने इसके लिए 1258 गेंदों का सामना किया और 1867 मिनट क्रीज पर बिताया। पूरे दौरे पर वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए किसी अबूझ पहेली से कम नहीं रहे। उन्हें आउट करना उतना ही मुश्किल रहा, जितना कभी टीम इंडिया की 'दीवार' कहे जाने वाले द्रविड़ को आउट करना था। शायद इसीलिए इयान चैपल ने उन्हें विराट कोहली के साम्राज्य का सबसे 'अनमोल' रत्न करार दिया।
2. बुमराह की कहर बरपाती गेंदबाजों के ऑस्ट्रेलिया था बेबस!
गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह भारत के सुपरस्टार साबित हुए। शमी और इशांत के साथ मिलकर उन्होंने पूरे दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लिया। चार टेस्ट मैचों में 18 विकेट दिखाते हैं कि वह इस दौरे पर कितने घातक साबित हुए। उनकी कई बाउंसर तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सिर से लेकर हेलमेट तक टकराती रहीं और एक बार तो उनकी एक गेंद से मार्कस हैरिस का हेलमेट तक चटक गया था। बुमराह की ऑस्ट्रेलिया की इस दौरे पर गेंदबाजी को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
3. ऋषभ पंत और टिम पेन के बीच हुई मजेदार जुबानी जंग:
ऋषभ पंत इस दौरे पर और भी निखरकर सामने आए। सिडनी टेस्ट में शतक जड़ते हुए वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने। लेकिन उनकी सबसे ज्यादा चर्चा विकेट के पीछे से उनके मजेदार कमेंट्स से मिली।
खासतौर पर मेलबर्न टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन द्वारा विकेट के पीछे से उन्हें परेशान करते हुए बेबीसिटिंग (बच्चों की देखभाल) के लिए कहे जाने के बाद पंत द्वारा उन्हें 'अस्थाई कप्तान' और 'सिर्फ बातें करने वाला शख्स' जैसी टिप्पणियों ने खूब सुर्खियां बटोरीं। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन तक ने उनकी इस अदा की तारीफ की। बाद में पंत ने पेन की पत्नी और बच्चों के साथ तस्वीर भी खिंचवाई, जो खूब वायरल हुई।
4. धोनी ने की फॉर्म में वापसी, फिर से बने बेस्ट फिनिशर:
2018 में एक भी अर्धशतक नहीं जड़ पाए धोनी ने 2019 की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की है। उन्होंने तीन मैचों में तीन अर्धशतक जड़ते हुए 193 रन बनाते हुए मैन ऑफ सीरीज का खिताब जीता। पहले मैच में हालांकि वह 96 गेंदों में 51 रन ही बना पाए थे लेकिन अगले दो मैचों में उन्होंने 55 और 87 रन की नाबाद पारियों से भारत को रोमांचक जीत दिलाते हुए आलोचकों के मुंह बंद कर दिए। धोनी के फिनिशर की भूमिका में वापस लौटना टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप के लिहाज से सबसे शानदार खबर है।
5. कप्तानी से लेकर बैटिंग तक हर रोल में हिट रहे कोहली:
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली का बल्ला दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के अंदाज में तो नहीं बोला। लेकिन टेस्ट सीरीज और वनडे सीरीज में एक-एक शतक जड़ते हुए बैटिंग में अपना रोल बखूबी निभाया। कप्तानी में टिम पेन से पर्थ टेस्ट में भिड़ंत हो या विकेट गिरने पर आक्रामक अंदाज में जश्न मनाना कोहली ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की हेडलाइंस से लेकर उनके फैंस के बीच तक छाए रहे और तारीफ हो या आलोचना मेहमान देश के लिए वह पसंदीद चर्चा का विषय बन गए।
इतना ही कोहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज, द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान और दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले एशियाई कप्तान बने। कोहली ने इस यादगार दौरे का अंत महान टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन में तस्वीर शेयर करते हुए शानदार अंदाज में किया। इसमें उनके साथ अनुष्का शर्मा भी नजर आई।