पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट मामला: बीसीसीआई की प्रक्रिया पर उठे सवाल, दिल्ली कैपटिल्स से भी छिपाया गया सच?

Prithvi Shaw Dope Test: पृथ्वी शॉ के डोप टेस्ट मामले में बीसीसीआई ने जिस प्रक्रिया का पालन किया, उसे लेकर सवाल उठ रहे हैं, दिल्ली कैपिटल्स को भी नहीं दी गई जानकारी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 1, 2019 09:54 AM2019-08-01T09:54:34+5:302019-08-01T10:02:18+5:30

Prithvi Shaw Dope Test: BCCI did not inform Delhi Capitals about adverse report? | पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट मामला: बीसीसीआई की प्रक्रिया पर उठे सवाल, दिल्ली कैपटिल्स से भी छिपाया गया सच?

पृथ्वी शॉ पर डोप टेस्ट में फेल होने के लिए लगाया गया है आठ महीने का बैन

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Highlightsपृथ्वी शॉ पर प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन के लिए आठ महीने का बैन लगाया गया हैपृथ्वी शॉ के डोप टेस्ट में फेल होने की रिपोर्ट बीसीसीआई को 2 मई को ही मिल गई थीडोप टेस्ट में फेल होने की रिपोर्ट आने के बाद भी शॉ आईपीएल के तीन मैच खेले

युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर बीसीसीआई ने डोपिंग में फेल होने पर आठ महीने का बैन लगाया है। लेकिन बीसीसीआई जिस तरह से इस पूरे मामले से निपटा उससे ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या बोर्ड ने पृथ्वी शॉ के मामले में पूरे मामले में सही प्रक्रिया का पालन किया? 

बीसीसीआई लगातार नेशनल ऐंटि-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के अंतर्गत आने से बचने की कोशिश कर रहा है। बीसीसीआई को अक्टूबर में नाडा के साथ छह महीने के ट्रायल का करार साइन करना है।

दिल्ली कैपिटल्स से छिपाई गई पृथ्वी के डोप टेस्ट में फेल होने की बात?

बीसीसीआई ने मंगलवार (30 जुलाई) को पृथ्वी शॉ, अक्षय दुल्लारवार और दिव्य गजराज को 'अनजाने' में प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन के लिए निलंबित कर दिया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी मामले में बोर्ड ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करते हुए ये नहीं बताया कि वाडा से मान्यता प्राप्त नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) ने कब प्रतिकूल रिपोर्ट भेजी थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई को ये रिपोर्ट 2 मई को प्राप्त हुई थी और इसके बाद उसने मामले की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड का गठन किया था। पृथ्वी को नोटिस 16 जुलाई को भेजा गया था और इसके बाद उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई ने आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स को भी इस मामले की जानकारी नहीं दी, जिसने पृथ्वी शॉ को साइन किया था। यही नहीं शॉ 2 मई के बाद आईपीएल में दिल्ली के लिए तीन मैच खेले और एलिमिनेटर में सनराइजर्स हैदराबाद को हारने वाली दिल्ली के लिए 38 गेंदों में 56 रन की पारी भी खेली। 

दिल्ली कैपिटल्स के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बीसीसीआई ने हमसे कोई बात नहीं की थी। हमें अंधेरे में रखा गया।'

इसके बाद पृथ्वी शॉ 14 मई से शुरू हुई मुंबई प्रीमियर लीग (एमपीएल) में भी खेले। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एमपीएल के अधिकारियों को भी इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी।

बीसीसीआई ने अपने 'विवेक' का जवाब देते हुए बैक डेट बैन लगाया। रोचक बात ये है कि बैन 16 जुलाई (जिस दिन पृथ्वी पर आरोप लगा) से चार महीने पीछे, यानी 16 मार्च से लागू हुआ।

कौन है इसके लिए जिम्मेदार?

बोर्ड ने इसके लिए पृथ्वी शॉ की उम्र और अनुभव की कमी को जिम्मेदार बताया है क्योंकि वह अब तक बीसीसीआई के सिर्फ तीन आयोजित वर्कशॉप में शामिल हुए हैं। 

लेकिन ये 19 वर्षीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया ले लौटने के बाद  फरवरी में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलने के लिए फिट घोषित होने तक, करीब दो महीने, बीसीसीआई की निगरानी में ही नेशनल क्रिकेट ऐकैडमी में अपनी रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजरा।  

ये हैरान करने वाला है कि दो महीने के मेडिकशन और रिहैब के दौरान पृथ्वी शॉ को दवाओं के बारे में काफी कम जानकारी दी गई। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मुंबई मैनेजमेंट को पृथ्वी जैसे खिलाड़ी के जुकाम से पीड़ित होने पर ज्यादा सावधान रहना चाहिए।

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