Prithvi Shaw Birthday: ऐसी रही है 4 साल की उम्र में मां को खोने वाले पृथ्वी शॉ की कहानी, जानें कैसे बनाई टीम इंडिया में जगह

Prithvi Shaw Birthday Special: पृथ्वी शॉ का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था और इसके लिए उन्होंने कई संघर्ष का सामना करना पड़ा था।

By सुमित राय | Published: November 9, 2019 07:05 AM2019-11-09T07:05:35+5:302019-11-09T07:05:35+5:30

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पृथ्वी शॉ का जन्म (Prithvi Shaw Birthday) 9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ था।

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Highlightsपृथ्वी शॉ का जन्म 9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ था।पृथ्वी जिंदगी के कठिन दौर से गुजर रहे हैं और डोपिंग के कारण बैन झेल रहे हैं।पृथ्वी का बैन 15 नवंबर को खत्म हो रहा है, जिसके बाद टीम में वापसी बड़ी चुनौती होगी।

भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) इस समय अपनी जिंदगी के कठिन दौर से गुजर रहे हैं और वह डोपिंग के कारण बैन झेल रहे हैं। पृथ्वी का बैन 15 नवंबर को खत्म हो रहा है और इसके बाद भारतीय टीम में वापसी करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।

पृथ्वी शॉ का जन्म (Prithvi Shaw Birthday) 9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ था। पृथ्वी मूल रूप से बिहार के गया से हैं, लेकिन उनके जन्म से पहले ही उनके पिता महाराष्ट्र आ गए थे। पृथ्वी शॉ का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कई समझौते किए और संघर्ष करते हुए भारतीय टीम की जर्सी हासिल की।

4 साल की उम्र में मां को खो दिया

पृथ्वी शॉ ने चार साल की उम्र में ही अपनी मां को खो दिया। इसके बाद उनके पिता पंकज शॉ ने ही उन्हें संभाला और कई परेशानियों का सामना करते हुए बेटे के सपने को पूरा किया। हालांकि इस दौरान पृथ्वी ने भी कड़ी मेहनत की और पिता के संघर्ष को बेकार नहीं जाने दिया।

रोज करते थे 140 किलोमीटर का सफर

मां की मौत के बाद पृथ्वी के पिता ने उन्हें क्रिकेट एकेडमी में डाल दिया, लेकिन ट्रेनिंग के लिए उन्हें रोज करीब 140 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी थी। पृथ्वी शॉ मुंबई के विरार में रहते थे और रोज ट्रेनिंग के लिए बांद्रा के एमआईजी ग्राउंड जाते थे।

पिता ने पृथ्वी के नाम कर दी अपनी जिंदगी

पृथ्वी को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके पिता ने अपनी पूरी जिंदगी बेटे के नाम कर दी। वह रोज सुबह साढ़े तीन बजे उठकर बेटे के लिए खाना बनाते थे और फिर सुबह साढ़े चार बजे पृथ्वी को विरार से बांद्रा लेकर जाते थे। पृथ्वी जब पूरे दिन प्रैक्टिस करते थे, तब उनके पिता पेड़ की छांव में बैठे रहते थे। इसके बाद शाम को दोनों घर पहुंचते थे और खाना खाने के बाद साढ़े 9 बजे तक सो जाते थे। कई सालों तक दोनों के लिए यही डेली रूटीन था।

पिता ने बेटे से लिए बेच दी दुकान

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के पिता पंकज शॉ ने बेटे के सपने को पूरा करने और उसे समय देने के लिए अपनी दुकान बेच दी। दरअसल, पृथ्वी के पिता कपड़ो की दुकान चलाते थे, जो सूरत और बड़ौदा तक लोकप्रिय हो चुकी थी। लेकिन पृथ्वी को ट्रेनिंग दिलाने के लिए उन्होंने अपनी दुकान बेच दी। पिता ने अपने करियर और पर्सनल लाइफ से समझौता किया। कई बार उन्हें पैसों की कमी का भी सामना करना पड़ा।

पृथ्वी शॉ ने भी की कड़ी मेहनत

पिता के संघर्ष और सपोर्ट के बाद पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने भी कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपना हर एक दिन क्रिकेट के लिए समर्पित किया और बचपन में एक दिन भी छुट्टी नहीं ली। यहां तक कि उनके पिता ने भी कभी परिवार से मिलने के लिए छुट्टी नहीं ली। जब पृथ्वी का जन्मदिन हो या उन्होंने बेहतरीन पारी खेली हो तो वो अपने पिता के साथ बाहर जाकर चाइनीज फूड खाते थे।

546 रन ठोक कर बटोरी सुर्खियां

पृथ्वी शॉ पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने साल 2013 में हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में रिजवी स्प्रिंगफील्ड की ओर से खेलते हुए सेंट फ्रांकिस के खिलाफ 330 गेंदों में 546 रन बनाए थे। पृथ्वी ने इस पारी के दौरान 85 चौके और 5 छक्के भी लगाए थे।

भारत को बनाया अंडर-19 चैंपियन

घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद पृथ्वी शॉ को अंडर-19 टीम में जगह मिली और उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टी को अंडर-19 वर्ल्ड कप (Under-19 World Cup) का चैंपियन बनाया। भारत ने साल 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर 8 विकेट से खिताब जीता था।

आईपीएल में छोड़ी छाप

अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद पृथ्वी शॉ को आईपीएल (IPL) की 2018 की नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की टीम ने 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा। यहां भी पृथ्वी ने कमाल किया और पहले ही आईपीएल में संजू सैमसन के सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी की। उन्होंने अब तक 25 मैचों में 141.03 की स्ट्राइक रेट से 598 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक जमाए हैं।

डेब्यू मैच में रचा इतिहास

आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद पृथ्वी को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया और 4 अक्टूबर 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया। पृथ्वी ने डेब्यू मैच में ही शतक लगाकर इतिहास रच दिया और भारत की तरफ से डेब्यू मैच में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए। उनके नाम भारत की तरफ से सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है।

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