Sports Flashback: सचिन का आखिरी टेस्ट जब इस खिलाड़ी के लिए भी बन गया अंतिम मैच!

साल 2013 के आखिर में वेस्टइंडीज की टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत आई थी।

By विनीत कुमार | Published: September 5, 2018 08:02 AM2018-09-05T08:02:11+5:302018-09-05T08:02:11+5:30

pragyan ojha birthday and his memorable 10 wicket haul during sachin tendulkar last test | Sports Flashback: सचिन का आखिरी टेस्ट जब इस खिलाड़ी के लिए भी बन गया अंतिम मैच!

प्रज्ञान ओझा

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नई दिल्ली, 5 सितंबर: क्रिकेट की दुनिया के सबसे दमदार शख्सियत सचिन तेंदुलकर ने अपना 200वां टेस्ट खेलते हुए साल-2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा। वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ये मैच एक पारी और 126 रनों से जीतने में सफल रहा। भारत की इस जीत में सचिन का भी योगदान रहा और उन्होंने 74 रन बनाये। 

हालांकि, इस मैच में एक और ऐसा शख्स भी था, जिसने भारत की जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। बाएं हाथ का ये स्पिन बॉलर इस मैच में दमदार गेंदबाजी की बदौलत 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया पर दुर्भाग्य ऐसा कि उसके बाद लगभग पांच साल बीत चुके है लेकिन उस खिलाड़ी को दोबारा भारत की ओर से मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला। 

हम बात कर रहे हैं प्रज्ञान ओझा की जिनके लिए सचिन का आखिरी टेस्ट उनके लिए भी आखिरी मैच साबित हुआ! भुवनेश्वर में 5 सितंबर 1986 को जन्में प्रज्ञान ओझा आज अपना 32वां जन्मदिन मना रहे हैं। आईए, हम आपको बताते हैं कि सचिन का आखिरी टेस्ट आखिर उनके लिए भी क्यों सबसे खास रहा।

वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में चमके प्रज्ञान

साल-2013 के आखिर में वेस्टइंडीज की टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत आई। इस सीरीज के बाद सचिन को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना था। सीरीज का पहला मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में आयोजित किया गया जिसे भारत ने एक पारी और 54 रनों से जीता। इसके बाद दूसरा और आखिरी मैच सचिन के गृह मैदान वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। 

टॉस भारत ने जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया। क्रिस गेल, कीरन पॉवेल, डैरेन ब्रावो, शिवनारायण चंद्रपाल जैसे खिलाड़ियों वाली कैरेबियाई टीम पहला मैच हारने के बाद पहले से दबाव में थी। दूसरे टेस्ट में भी उसे पहला झटका पॉवेल के रूप में 25 रनों पर लग गया। इसके बाद हालांकि गेल समेत शीर्ष पांच खिलाड़ी वेस्टइंडीज को 150 के करीब ले गये। इस दौरान प्रज्ञान ने पॉवेल और मार्लिन सैमुअल्स का विकेट लेकर कैरेबियाई टीम को बैकफुट पर ला दिया था।

आलम ये था कि कैरेबियाई टीम ने 162 रन तक 7 विकेट गंवा दिये थे। प्रज्ञान का असली करिश्मा इसके बाद नजर आया। एक के बाद एक प्रज्ञान ने शेन शिलिंगफोर्ड (0), टिनो बेस्ट (0) और शेनॉन गैब्रियल (1) को आउट कर वेस्टइंडीज को 182 रनों पर समेट दिया। प्रज्ञान ने पहली पारी में पांच विकेट झटके जबकि रविचंद्रन अश्विन को 3 सफलता मिली। एक-एक विकेट भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी को मिली। 

इसके बाद भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा (113) और रोहित शर्मा (111) की बदौलत भारत ने जवाब में 495 रन बनाये। मुरली विजय (43), सचिन (74), विराट कोहली (57) ने भी अहम पारियां खेली। अब भारत के पास 313 रनों की विशाल बढ़त थी जबकि वेस्टइंडीज के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा था। कैरेबियाई टीम एक बार फिर बैटिंग करने उतरे और पहली पारी में पांच विकेट झटके प्रज्ञान ओझा इस बार ज्यादा खतरनाक साबित हुए।

पहली पारी में पुछल्ले बल्लेबाजों पर कहर बरपाने वाले प्रज्ञान ओझा ने इस बार गेल (35) और टिनो बेस्ट (9) समेत सैमुअल्स (11) का विकेट हासिल कर इंग्लैंड के हार की कहानी तय कर दी। ओझा यही नहीं रूके और नरसिंह डियोनरेन (0) समेत कैरेबियाई कप्तान डैरेन सैमी (1) का विकेट लेकर भारत को पारी की जीत की ओर बढ़ा दिया।

शानदार रहा प्रज्ञान ओझा का प्रदर्शन

दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लेने वाले प्रज्ञान ओझा अपने प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुने गये। साल-2009 में टेस्ट डेब्यू करने वाले प्रज्ञान के लिए यह पहला मौका था जब उन्होंने अपने करियर में एक ही मैच में 10 विकेट झटके। हालांकि, इसके बाद प्रज्ञान को फिर टीम इंडिया की ओर से किसी भी फॉर्मेट में मैदान पर उतरने का मौका नहीं मिल सका। इस बीच 2014 के आखिरी में घरेलू क्रिकेट में उनके बॉलिंग एक्शन पर कुछ सवाल जरूर उठे और विवाद भी हुआ। आईपीएल में भी प्रज्ञान खेलते नजर आये लेकिन भारतीय टीम में उन्हें जगह फिर कभी नहीं मिली।

कुछ ऐसे हुई थी प्रज्ञान के करियर की शुरुआत

इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रज्ञान के करियर की शुरुआत की बात करें तो उन्हें सबसे पहले 2009 के आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ मौका मिला। प्रज्ञान ने इस मैच में 4 विकेट झटके। इसके बाद जब 2009 में ही उन्हें एशिया कप से वनडे में डेब्यू का मौका मिला तो यहां भी प्रज्ञान ने अपने कमाल की फिरकी की बदौलत पहले ही मैच में 2 विकेट झटके। वहीं, टेस्ट डेब्यू भी प्रज्ञान ने 2009 में ही श्रीलंका के खिलाफ कानपुर टेस्ट में की और कुल 4 विकेट झटके।

तीनो फॉर्मेट में इतनी शानदार शुरुआत के बावजूद प्रज्ञान अपने करियर को उस मुकाम पर नहीं ले जा सके जिसकी उम्मीद की जा रही थी। प्रज्ञान ओझा के नाम 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट, 18 वनडे मैचों में 21 विकेट और 6 इंटरनेशनल टी20 मैचों में 10 विकेट हैं।

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