Highlightsभारतीय टीम की विंडीज के खिलाफ जीत में युवा गेंदबाज नवदीप सैनी का अहम योगदान था।नवदीप ने खुलासा किया है कि उन्होंने बचपन के दोस्त के साथ मिलकर किस तरह प्लानिंग की थी।
भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को आखिरी वनडे में चार विकेट से हराकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया। भारतीय टीम की इस जीत में युवा गेंदबाज नवदीप सैनी का अहम योगदान था, जिन्होंने डेब्यू मैच में ही वेस्टइंडीज के दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाए थे। जिसमें पहला विकेट शिमरोन हेटमायेर का, जबकि दूसरा विकेट रोस्टन चेस का शामिल था।
हरियाणा में जन्मे और दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले नवदीप सैनी को दीपक चाहर के चोटिल होने के बाद तीसरे वनडे के लिए टीम में शामिल किया गया था। मैच के बाद उन्होंने बताया है कि टीम में शामिल किए जाने के बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ विकेट चटकाने के लिए अपने बचपन के दोस्त के साथ मिलकर किस तरह प्लानिंग की थी।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में नवदीप ने बताया, 'मैं वनडे क्रिकेट में डेब्यू के लिए मानसिक रूप से तैयार था। मुझे पता था कि यह खुद को साबित करने का एक और सुनहरा मौका है, इसलिए मैंने मैदान पर जाकर अपना सबकुछ दे दिया।'
आपने विकेट चटकाने के लिए किस तरह की प्लानिंग की थी?
मैं रणजी क्रिकेट खेल रहा था और ऐसा कुछ सोचा भी नहीं था कि मेरा वनडे टीम में चयन होगा। टीम में अचानक चुने जाने के बाद मैंने अपने बचपन के दोस्त मोहित कल्याण (हरियाणा बल्लेबाज) को फोन मिलाया जो टीवी पर क्रिकेट मैच काफी देखता है। उससे मैंने पूछा कि वेस्टइंडीज के लिए कौन सा बल्लेबाज अच्छा खेल रहा है तो उसने मुझे शिमरोन हेटमायेर और और कीरोन पोलार्ड का नाम बताया। जिसके बाद फिर हमने उनके खिलाफ प्लान बनाया।
क्या हेटमायेर के शरीर पर गेंदबाजी उस योजना का हिस्सा थी?
जी हां। वेस्टइंडीज के बल्लेबाज को अगर आप ऑफ साइड स्टंप में रूम देंगे तो वो बहुत बड़े-बड़े शॉट्स खेलते हैं। ऐसे में मैंने और मोहित ने विचार किया और शॉर्ट लेंथ शरीर की तरफ जाती गेंदों को अपना हथियार बनाया। क्योंकि मेरी तेज गति के कारण उन्हें शरीर में आती गेंद को पुल करने में मुश्किल होगी।
रोस्टन चेस को आउट करने के लिए यॉर्कर की प्लानिंग कैसे की?
विजय हजारे और रणजी ट्रॉफी में एक ही जगह पर गेंद डालने से काफी अभ्यास होता है। मुझे भी घरेलू क्रिकेट से काफी फायदा मिला। ऐसी गेंद को डालने से पहले आपको मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत होना पड़ता है। आप भलें ही अभ्यास कम करें लेकिन मानसिक रूप से मजबूती ही आपको जीत दिलाती है।
कैसा है भारतीय टीम का माहौल?
भारतीय ड्रेसिंग रूम में माहौल हमारी सफलता के पीछे मुख्य कारणों में से एक है। यहां तक कि जब मैं आखिरी वनडे के लिए टीम में शामिल हुआ, तब टीम का हर सदस्य यहां तक कि सपोर्ट स्टाफ भी मेरे पास आया और कहा कि यह एक बड़ा अवसर है, और मुझे शांत रहना चाहिए। इससे काफी मदद मिली।
विराट कोहली के बारे में आपका क्या कहना है?
विराट भाई ने केवल एक ही सलाह दी, 'जो चीज तेरी अब तक करता आ रहा है, उसी चीज को खुलके करना है, बिना डरे, बिना कुछ सोचे।' मैं अपने पहले स्पेल की शुरुआत में थोड़ा नर्वस था। उन्होंने मुझे फोकस करने के लिए कहा और बताया कि कटक में भीड़ आईपीएल से अलग नहीं है और गेंदबाजी पर ध्यान देना चाहिए।
श्रीलंका के खिलाफ टी20 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए क्या है प्लान?
'मैं बस अपने प्लान पर काम करना चाहता हूं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि विरोधी टीम कौन सी है। मैं बस यॉर्कर गेंद पर फोकस करना चाहता हूं, जिससे अंतिम ओवेरों में बुमराह जैसी यॉर्कर डाल सकूं।'