भारत के इस महान खिलाड़ी का निधन, पीएम मोदी सहित अमित शाह ने जताया शोक

मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इस महान खिलाड़ी ने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया है...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: May 25, 2020 11:41 AM2020-05-25T11:41:46+5:302020-05-25T11:41:46+5:30

Olympic gold medallist Balbir Singh Sr passes away at 95, Union Home Minister Amit Shah tweet | भारत के इस महान खिलाड़ी का निधन, पीएम मोदी सहित अमित शाह ने जताया शोक

भारत के इस महान खिलाड़ी का निधन, पीएम मोदी सहित अमित शाह ने जताया शोक

googleNewsNext

हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में से एक तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार सुबह साढ़े 6 बजे निधन हो गया। वह पिछले दो सप्ताह से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 96 वर्षीय बलबीर के परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं। उनके बेटे कनाडा में हैं और वह यहां अपनी बेटी सुशबीर और नाती कबीर सिंह भोमिया के साथ रहते थे। 

मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में बलबीर सीनियर को आठ मई को वहां भर्ती कराया गया था। वह 18 मई से अर्ध चेतन अवस्था में थे और उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था। उन्हें फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

बलबीर सीनियर के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया है। अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘पद्म श्री और महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ, जिन्होंने अपनी स्टिक से विश्व हॉकी पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। मैं भाग्यशाली रहा कि तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता से मिल पाया। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनायें।’’

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ। तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, पद्म श्री और भारत के महान खिलाड़ियों में से एक, उनकी विरासत भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करना जारी रखेगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति संवेदनायें।’’

मोदी ने कहा कि बलबीर सीनियर ने हाकी खिलाड़ी ही नहीं बल्कि मेंटोर के रूप में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनायी। मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, ‘‘पद्म श्री बलबीर सिंह सीनियर को उनके यादगार खेल प्रदर्शन के लिये याद रखा जायेगा। उन्होंने देश को गौरवान्वित किया और काफी सफलतायें अर्जित कीं। इसमें कोई शक नहीं कि वह बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी थे, लेकिन उन्होंने बेहतरीन मेंटोर के रूप में भी पहचान बनायी। उनके निधन से काफी दुखी हूं। उनके परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदनायें।’’

खेल मंत्री रीजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। वह 1948 लंदन, 1952 हेलसिंकी और 1956 मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और दिवंगत आत्मा के लिये शांति की प्रार्थना करता हूं।’’

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस हॉकी दिग्गज की दृढ़ता, समर्पण और खेल भावना हमेशा आने वाली कई पीढ़ियों के लिये प्रेरणा का काम करेगी।

अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ओलंपिक में तीन बाद के स्वर्ण पदक विजेता हाकी दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ।’’ 

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने लिखा, ‘‘महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनायें।’’ 

वहीं पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा, ‘‘भारतीय हॉकी के युगपुरूष बलबीर सिंह सीनियर का निधन। उनकी उपलब्धियां आपको हैरान कर देती हैं। तीन ओलंपिक स्वर्ण और ओलंपिक फाइनल में पांच गोल। विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर। भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘वह दृढ़ता, समर्पण और खेल भावना की प्रतिमूर्ति थे। सर आपकी बहुत कमी खलेगी और आप हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहोगे। भावभीनी विदाई।’’ 

देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे। हेलसिंकी ओलंपिक (1952) फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है। उन्हें 1957 में पद्मश्री से नवाजा गया था और यह सम्मान पाने वाले वह पहले खिलाड़ी थे। 

बलबीर सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे। वह 1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर भी थे। पिछले दो साल में चौथी बार उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया। 

पिछले साल जनवरी में वह फेफड़ों में निमोनिया के कारण तीन महीने अस्पताल में रहे थे। कौशल के मामले में मेजर ध्यानचंद के समकक्ष कहे जाने वाले बलबीर सीनियर आजाद भारत के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से थे। 

बलबीर सीनियर और ध्यानचंद भले ही कभी साथ नहीं खेले लेकिन भारतीय हाकी के ऐसे अनमोल नगीने थे, जिन्होंने पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया। पंजाब के हरिपुर खालसा गांव में 1924 में जन्मे बलबीर को भारत रत्न देने की मांग लंबे अर्से से की जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने तो इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।

(भाषा इनपुट के साथ)

Open in app