विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप ने उद्देश्य हासिल नहीं किया : बार्कले

By भाषा | Updated: November 30, 2020 14:10 IST

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(कुशान सरकार)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नव नियुक्त चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने सोमवार को स्वीकार किया कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप वो लक्ष्य हासिल नहीं कर पायी जिसके लिये इसे बनाया गया था और कोविड-19 के कारण हुए व्यवधान ने इसकी ‘कमियों’ को उजागर ही किया।

महामारी के कारण विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का कार्यक्रम अस्त व्यस्त हो गया और आईसीसी ने प्रतिशत के हिसाब से अंक देने का फैसला किया क्योंकि 2021 में लार्ड्स में फाइनल से पहले सभी निर्धारित श्रृंखलायें इतने कम समय में पूरी नहीं की जा सकती।

टेस्ट चैम्पियनशिप ने क्या उद्देश्य के हिसाब से प्रारूप में बदलाव किया है तो उन्होंने वर्चुअल मीडिया कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘संक्षिप्त में कहूं तो मुझे ऐसा नहीं लगता। कोविड-19 ने शायद चैम्पियनशिप की कमियों को उजागर ही किया है। ’’

न्यूजीलैंड के बार्कले को लगता है कि मौजूदा क्रिकेट कैलेंडर में काफी समस्यायें विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के कारण हुई जिसे प्रारूप को लोकप्रिय बनाने के लिये लाया गया और उनके अनुसार ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जो मुद्दे थे, मुझे लगता है कि इनमें से कुछ टेस्ट चैम्पियनशिप को लाने के प्रयास के कारण हुए जिसका उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट में लोगों की दिलचस्पी वापस लाने का था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आदर्शवादी नजरिये से देखा जाये तो यह काफी अच्छी थी लेकिन व्यवहारिक रूप से मैं भी इससे सहमत नहीं हूं, मैं भी सुनिश्चित नहीं हूं कि इसने वो सब हासिल किया जिसके लिये इसे बनाया गया था। ’’

बल्कि बार्कले ने संकेत दिया कि शुरूआती डब्ल्यूटीसी अंतिम हो सकती है क्योंकि छोटे सदस्य टेस्ट क्रिकेट चैम्पियनशिप नहीं करा सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा व्यक्तिगत विचार है कि कोविड-19 में हम इसमें जो कुछ कर सकते हैं, वो अंकों को बांटकर कर सकते हैं और बस इतना ही। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक बार ऐसा करने हमें फिर से बातचीत करनी चाहिए क्योंकि मैं निश्चित नहीं हूं कि इसने (डब्ल्यूटीसी) ने अपना उद्देश्य हासिल किया जिसके लिये इसे चार- पांच साल पहले विचार के बाद बनाया गया था। मुझे लगता है कि हमें इसे कैलेंडर के हिसाब से देखना चाहिए और क्रिकेटरों को ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचाना चाहिए जिसमें यह स्थिति को खराब ही कर दे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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