World Test Championship 2023: डब्ल्यूटीसी फाइनल पर भारत और ऑस्ट्रेलिया की नजर, आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी के रूप में जीता था, जानें दोनों टीम के बारे में

World Test Championship 2023: डब्ल्यूटीसी के पिछले दो चक्र में भारत सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली टीम रहा है और पिछले 10 साल में सफेद गेंद के लगभग सभी बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में जगह बनाने में सफल रहा लेकिन इसके बावजूद खिताब नहीं जीत पाया। भारत ने पिछला आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी के रूप में जीता था।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 6, 2023 06:31 PM2023-06-06T18:31:10+5:302023-06-06T18:32:10+5:30

World Test Championship 2023 wtc final team india vs Australia ICC title won as Champions Trophy in England in 2013, know about both teams | World Test Championship 2023: डब्ल्यूटीसी फाइनल पर भारत और ऑस्ट्रेलिया की नजर, आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी के रूप में जीता था, जानें दोनों टीम के बारे में

आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) खिताब के एक दशक के सूखे को खत्म करने पर टिकी होंगी।

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Highlightsआईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) खिताब के एक दशक के सूखे को खत्म करने पर टिकी होंगी। भारत को तीन बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा जबकि टीम चार बार सेमीफाइनल में हारी। टीम 2021 टी20 विश्व कप के शुरुआती दौर से ही बाहर हो गई।

World Test Championship 2023: भारत की कौशल और जज्बे से भरी टीम बुधवार से जब यहां ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उतरेगी तो उसकी नजरें आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) खिताब के एक दशक के सूखे को खत्म करने पर टिकी होंगी।

डब्ल्यूटीसी के पिछले दो चक्र में भारत सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली टीम रहा है और पिछले 10 साल में सफेद गेंद के लगभग सभी बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में जगह बनाने में सफल रहा लेकिन इसके बावजूद खिताब नहीं जीत पाया। भारत ने पिछला आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी के रूप में जीता था।

इसके बाद भारत को तीन बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा जबकि टीम चार बार सेमीफाइनल में हारी। टीम 2021 टी20 विश्व कप के शुरुआती दौर से ही बाहर हो गई। मौजूदा चक्र की छह श्रृंखलाओं में से भारत ने एकमात्र श्रृंखला दक्षिण अफ्रीका में गंवाई जिसके बाद विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ दी और रोहित शर्मा को टीम की अगुआई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

भारतीय टीम स्वेदश में अजेय रही, इंग्लैंड में कड़ी श्रृंखला ड्रॉ कराई और बांग्लादेश में मुश्किल में घिरने के बावजूद जीत हासिल की। द ओवल में नतीजा कुछ भी हो लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का टीम के प्रति नजरिया नहीं बदलेगा। द्रविड़ ने फाइनल से पहले कहा, ‘‘आप इसे दो साल के काम के अंत के रूप में देखते हैं। यह काफी सफलता हासिल करने की प्रक्रिया का अंत है जो आपको यहां लेकर आया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना, यहां ड्रॉ कराना, पिछले पांच या छह साल में यह टीम जहां भी खेली वहां बेहद प्रतिस्पर्धी होना। मुझे लगता है कि ये चीजें कभी नहीं बदलेंगी, फिर आप आईसीसी खिताब जीतो या नहीं।’’ भारत ने दो साल पहले साउथम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए दो स्पिनरों को खिलाया था लेकिन यह फैसला उलटा पड़ गया था।

द ओवल 143 साल के अपने इतिहास में पहली बार जून में टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहा है। भारत रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी को खिलाने को लेकर उत्सुक होगा लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों की शुरुआत है और तरोताजा पिचों पर चौथा तेज गेंदबाज बेहतर विकल्प हो सकता है।

विकेटकीपर ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम प्रबंधन को फैसला करना होगा कि उसे इशान किशन के रूप में ‘एक्स फेक्टर’ (मैच का रुख बदलने वाला खिलाड़ी) चाहिए या फिर केएस भरत के रूप में अधिक विश्वसनीय विकेटकीपर।

तेज गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज का खेलना तय है जबकि तीसरे विकल्प के रूप में अनुभवी उमेश यादव और ऑलराउंडर शारदुल ठाकुर चुनौती पेश कर रहे हैं। भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी दो महीने इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के बाद यहां आए हैं और उन्हें इंग्लैंड के हालात में एक साथ ट्रेनिंग करने के लिए एक हफ्ते का ही समय मिला है।

आधुनिक दौर में खिलाड़ियों से विभिन्न प्रारूप में सामंजस्य बैठाने की उम्मीद की जाती है लेकिन इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट खेलना कभी आसान नहीं होता। भारतीय बल्लेबाजों के लिए पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड जैसे तेज गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं होगा।

इस मुकाबले को ‘अल्टीमेट टेस्ट’ कहां जा रहा है और बेशक इस मैच में रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के अलावा शुभमन गिल जैसे उभरते हुए स्टार की परीक्षा होगी। चेतेश्वर पुजारा काउंटी क्रिकेट की अच्छी फॉर्म को इस मुकाबले में दोहराना चाहेंगे जबकि अजिंक्य रहाणे वापसी करते हुए अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब होंगे।

भारतीय टीम के विपरीत ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को मैच फिट होने का अधिक मौका नहीं मिला है लेकिन वे इस मुकाबले में तरोताजा होकर उतरेंगे। टीम के सिर्फ तीन खिलाड़ी आईपीएल में खेले जबकि मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ काउंटी टीमों का हिस्सा रहे। पैट कमिंस जैसे खिलाड़ियों ने स्वदेश में तैयारी करने का विकल्प चुना।

मैच का नतीजा काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा कि स्तरीय तेज गेंदबाजी के खिलाफ दोनों टीम का शीर्ष क्रम कैसा प्रदर्शन करता है। ऑस्ट्रेलिया को सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा से काफी उम्मीदें हैं जबकि डेविड वार्नर अपने करियर के अंतिम चरण में अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे।

इस मैदान पर स्मिथ का औसत 100 का है और अगर भारत को मैच पर पकड़ बनानी है तो उन्हें जल्दी आउट करना होगा। पिच चाहे कैसा भी बर्ताव करे अनुभवी ऑफ स्पिनर नाथन लियोन विरोधी बल्लेबाजों को परेशान करने की क्षमता रखते हैं जबकि ऑलराउंडर के रूप में कैमरन ग्रीन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।

टीम इस प्रकार है:

ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, कैमरन ग्रीन, मार्कस हैरिस, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, जोश इंग्लिस, टॉड मर्फी, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, डेविड वार्नर। रिजर्व: मिचेल मार्श और मैट रेनशॉ।

भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, केएस भरत, शुभमन गिल, रविंद्र जडेजा, विराट कोहली, इशान किशन, चेतेश्वर पुजारा, अक्षर पटेल, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, जयदेव उनादकट, और उमेश यादव। रिजर्व : यशस्वी जायसवाल, मुकेश कुमार और सूर्यकुमार यादव।

समय: मैच भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजे से शुरू होगा।

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